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मध्य प्रदेश नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस ने बढ़ाई सीटों की संख्या, BJP को हुआ नुकसान

मध्य प्रदेश नगर निकाय चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों ने 25 पर जबकि कांग्रेस ने 15 स्थानों पर जीत दर्ज की।
मध्य प्रदेश नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस ने बढ़ाई सीटों की संख्या, BJP को हुआ नुकसान

मध्यप्रदेश के 43 नगरीय निकाय के अध्यक्ष और पार्षद के साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों के चुनाव में सत्तारुढ़ दल भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस आमने-सामने थी। किसान आंदोलन के बाद हुए इस चुनाव पर सबकी नजर थी। अब चुनाव के नतीजे आ गए है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,  इस चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों ने 25 स्थानों पर जबकि कांग्रेस ने 15 स्थानों पर जीत दर्ज की। भाजपा ने 25 नगरीय निकायों के अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस को 15 निकायों के अध्यक्ष पद पर जीत मिली है। वहीं, तीन निकायों पर निर्दलीयों ने कब्जा किया।

बुधवार सुबह 9 बजे से नगरीय निकायों के मुख्यालय पर मतगणना शुरु हुई थी। 43 नगरीय निकायों के लिए शुक्रवार को चुनाव संपन्न हुए थे। कुल 43 नगरीय निकाय के 762 वार्ड में 1174 मतदान केन्द्र बनाए गए थे। अध्यक्ष पद के अभ्यर्थियों की संख्या 161 और पार्षद पद के अभ्यर्थियों की संख्या 2133 है। कुल मतदाता 794894 हैं।

इसके साथ ही 5,631 पंच, 74 सरपंच, 14 जनपद पंचायत सदस्य, 3 जिला पंचायत सदस्य के उप निर्वाचन एवं 356 पंच और 23 सरपंच के लिए भी मतगणना जारी है।

शिवराज ने दी बधाई

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री इस जीत से काफी उत्साहित हैं। उन्होंने ट्वीट कतर कहा, "प्रदेश के नगरीय निकाय चुनावों में भाजपा को मिली जीत विकास की जीत है। जनता ने हमें जनमत सौंपा है, हम उनकी आशाओं पर अवश्य ही खरे उतरेंगे।"


साथ ही, उन्होंने विजयी प्रत्याशियों को भी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भाजपा के सभी विजयी प्रत्याशियों व जुझारु कार्यकर्ताओं को नगरीय निकाय चुनावों में मिली भारी जीत पर हार्दिक शुभकामनाएं।

कांग्रेस के लिए नतीजे उत्साहजनक 

वहीं, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि नगरीय निकाय चुनावों में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपाध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान के क्षेत्र में भाजपा का हारना इस बात का संकेत है कि प्रदेश में जनता अब बदलाव चाहती है। उन्होंने कहा कि तंत्र और धन बल का जोर अगर नहीं होता तो जो नतीजे आए हैं, इसके उलट होते।

नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि विदिशा संसदीय क्षेत्र के नसरूल्लागंज तहसील में लाड़कुई एवं खंडवा के सनावद में भाजपा प्रत्याशियों की हार ने भाजपा सरकार के कुशासन और मुख्यमंत्री के कामकाज के खिलाफ मत दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 31 नगरीय निकाय में पूरा जोर लगाया रोड शो किया और सारे हथकंडे अपनाने के बाद 13 निकायों में कांग्रेस विजय हुई।
साथ ही, 
उन्होंने यह भी कहा कि पूरे चुनाव के परिणाम का विश्लेषण करें तो यह नतीजे कांग्रेस के लिए न केवल उत्साहजनक हैं बल्कि यह भी बता रहे हैं कि प्रदेश में परिवर्तन के लिए लोगों में बेचैनी है। प्रदेश के दो नगरीय निकायों में "राइट टू रिकाल" के तहत हुए चुनाव में फिर से कांग्रेस की वापसी इस बात को बतलाती है कि भाजपा सरकार ने किस तरह इस अधिकार का दुरूपयोग कर लोकतंत्र का अपमान किया था जिसका जनता ने फिर से कांग्रेस को जिताकर करारा जवाब दिया है।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री के पसंदीदा जिले से संबद्ध शमशाबाद, और उनके काबीना मंत्री गौरीशंकर बिसेन, ओमप्रकाश धुर्वे, गौरीशंकर शेजवार और सूर्यप्रकाश मीणा के क्षेत्रों मेंभाजपा को पराजय का स्वाद चखना पड़ा है। वही छनेरा, रानापुर और नेपानगर में कांग्रेस पार्टी सिर्फ 50 से 200 वोटों के अंतर से हारी है।

 

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