प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने पश्चिमी नेपाल के डडेलधुरा निर्वाचन क्षेत्र से भारी मतों के अंतर से लगातार सातवीं बार जीत दर्ज की है। उनकी नेपाली कांगेस पार्टी अभी तक 13 सीटें जीतकर सबसे आगे चल रही है।
हिमालयी देश में प्रतिनिधि सभा और सात प्रांतों की विधानसभाओं के लिए पिछले रविवार को मतदान हुआ था। मतों की गिनती सोमवार को शुरू की गई।
देउबा (77) को 25,534 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं निर्दलीय उम्मीदवार सागर ढकाल (31) को 1,302 मत हासिल हुए। देउबा अपने पांच दशक के राजनीतिक करियर में कभी कोई संसदीय चुनाव नहीं हारे हैं। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष देउबा अभी पांचवीं बार प्रधानमंत्री के पद पर काबिज हैं।
ढकाल एक युवा इंजीनियर हैं, जिनकी पांच साल पहले ‘बीबीसी’ (ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन) के ‘साझा सवाल’ कार्यक्रम में एक सार्वजनिक परिचर्चा के दौरान देउबा से बहस हुई थी। इसके बाद उन्होंने यह कहते हुए देउबा को चुनौती देने का फैसला किया था कि अब युवाओं को राजनीति में आना चाहिए और देउबा जैसे वरिष्ठ लोगों को आराम करना चाहिए।
सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस ने अभी तक प्रतिनिधि सभा की 13 सीटें जीत ली हैं, जबकि वह 54 अन्य सीटों पर वह आगे चल रही है। उसके सहयोगी दल - सीपीएन-माओवादी और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी- क्रमश: 17, सात औ तीन सीटों पर आगे चल रहे हैं।
वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री के पी ओली की अगुवाई वाले मुख्य विपक्षी दल सीपीएन-यूएमएल (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्ससिस्ट-लेनिनिस्ट) ने अभी तक तीन सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि 45 सीटों पर उसने बढ़त हासिल कर ली है। उसके सहयोगी दल- राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और जनता समाजवादी पार्टी - पांच-पांच सीटों पर आगे चल रही हैं।
नवगठित राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने काठमांडू जिले में तीन सीटों पर जीत हासिल की है। राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी ने एक-एक सीट जीती हैं।
आनुपातिक चुनावी प्रणाली के तहत सीपीएन-यूएमएल को सबसे अधिक वोट मिले हैं, जिसमें पार्टी ने 2,07,299 वोट प्राप्त किए, उसके बाद नेपाली कांग्रेस को 1,83,352 वोट मिले हैं। राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी 95,598 मतों के साथ तीसरे स्थान पर है जबकि सीपीएन-माओवादी को 86,433 मत मिले हैं। इसी तरह सीपीएन यूनिफाइड सोशलिस्ट को 10,919 वोट मिले।
नेपाल में संघीय संसद की 275 सीटों और सात प्रांतीय विधानसभाओं की 550 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। संघीय संसद के कुल 275 सदस्यों में से 165 का चयन प्रत्यक्ष मतदान के जरिये होगा, जबकि बाकी 110 को ‘आनुपातिक चुनाव प्रणाली’ के माध्यम से चुना जाएगा।
इसी तरह, प्रांतीय विधानसभाओं के कुल 550 सदस्यों में से 330 का चयन प्रत्यक्ष मतदान, जबकि 220 का चयन आनुपातिक प्रणाली से होगा।