हरियाणा विधानसभा चुनावों के रुझान बता रहे हैं कि सत्ता भाजपा के हाथ से फिसल रही है। बहुमत का आंकड़ा अभी दूर है। लेकिन नतीजे पूरी तरह साफ होने से पहले ही हरियाणा में मुख्यमंत्री रह चुके और राज्य में कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ‘सभी भाजपा विरोधी दल साथ आएं’ की अपील की है। हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी के खिलाफ सभी पार्टियां एकजुट हो जाएं, ताकि अब तक राज कर रही पार्टी को सत्ता से बाहर किया जा सके। उन्होंने सभी भाजपा विरोधी दलों से समर्थन मांगा है।
सभी दलों से साथ आने की अपील
रोहतक में संवाददाताओं से बात करते हुए हुड्डा ने कहा कि यह जनादेश भाजपा के विरोध में है। जेजेपी, आईएनएलडी, दूसरी पार्टियां और निर्दलीय उम्मीदवारों को कांग्रेस के साथ आना चाहिए, ताकि हरियाणा में भाजपा की सरकार न बन पाए। संवाददाताओं ने जब उनसे पूछा कि क्या कांग्रेस ने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के प्रमुख दुष्यंत चौटाला को मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव दिया था, तो हुड्डा ने इनकार करते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नहीं हुई है। हुड्डा ने यहां तक कहा कि उन्हें आलाकमान से हर तरह की छूट मिली हुई है और सरकार वे ही बनाएंगे। रोहतक जिले में अपने गढ़ सांपला-किलोई में अपने विरोधी से भारी अंतर से आगे चल रहे हुड्डा का कहना है कि लोगों ने वादा खिलाफी और अपने वादे न निभाने के कारण भाजपा को नकार दिया है।
सभी को सम्मान का आश्वासन
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दूसरी पार्टियों के नेताओं को आश्वासन दिया कि उन्हें उचित सम्मान दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम एक मजबूत सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। हमारे साथ सभी को सम्मान मिलेगा। मैं सभी के साथ मिलकर सरकार बनाने की अपील करता हूं।’ उन्होंने ये भी कहा कि सत्ता पक्ष की ओर से निर्दलीय विधायकों पर दबाव बनाया जा रहा है। हुड्डा ने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि वह ऐसा न करे और सही तरीके से नतीजों का सामना करे।
हुड्डा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग इस बार 75 से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रहे थे, लोगों ने उन्हें वास्तविकता दिखा दी और वे लगभग 30 सीटों तक सीमित हो गए।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा को सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि वह बहुमत हासिल करने से दूर है और उनके कई मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है।
किंग मेकर हो सकते हैं दुष्यंत
हरियाणा की 90 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत है। भाजपा को अब तक सिर्फ 36 सीटों पर जीत हासिल हुई है। जबकि कांग्रेस 33 तक पहुंच चुकी है। ऐसे में लग रहा है कि कांग्रेस सत्ता में वापसी कर सकती है। दुष्यंत चौटाला की जेजेपी 10 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। माना जा रहा है कि इस बार वे किंग मेकर की भूमिका निभा सकते हैं।