जेटली ने लखनऊ में कहा कि राहुल अपनी तमाम रैलियों में केंद्र पर देश के 50 अमीर परिवारों का एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज माफ करने का आरोप लगाते हैं, लेकिन उनका यह बयान सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अब तक किसी भी उद्योगपति का एक भी रुपया कर्ज माफ नहीं किया है। हो सकता है कि राहुल के पास जानकारी की कमी हो। दरअसल वह अपनी ही पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप लगाते हैं, क्योंकि आज ज्यादातर बढ़े नॉन परफार्मिंग असेट उन लोगों के हैं जिन्हें कांग्रेसनीत तत्कालीन संप्रग सरकार ने कर्ज दिये थे।
वित्तमंत्री ने एक अन्य सवाल पर कहा कि वह विमुद्रीकरण को चुनाव से नहीं जोड़ते। यह कदम देश के राजनीतिक और आर्थिक तंत्रा की सफाई के लिए उठाया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार को केंद्र से अपेक्षित मदद नहीं मिल पाने के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आरोप संबंधी सवाल पर जेटली ने कहा कि यह बिल्कुल गलत है। आज की संवैधानिक व्यवस्था में केंद्र सरकार किसी भी राज्य के आबंटन में एक रुपये की भी कटौती नहीं कर सकती है। केंद्र सरकार जो राजस्व एकत्र करती है, उसका 42 प्रतिशत राज्य सरकार का होता है। उसमें एक रुपया भी कम करने की गुंजाइश नहीं है।
अरुण जेटली ने दावा किया कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त से देश और प्रदेश में भाजपा के पक्ष में बना माहौल बरकरार है और पार्टी उत्तर प्रदेश में बहुत आसानी से बहुमत हासिल करेगी।
उन्होंने कांग्रेस-सपा गठबंधन को अवसरवादी गठजोड़ बताते हुए कहा कि समाजवाद के प्रणेता राम मनोहर लोहिया ने कांग्रेस हटाओ, देश बचाओ का नारा दिया था, मगर कांग्रेस विरोधी उस आंदोलन का उत्तर प्रदेश में पतन हो चुका है। वित्त मंत्री ने कहा कि सपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए वैचारिक आधार को छोड़कर उसके विकल्प में पारिवारिक आधार को स्वीकार किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा ने पिछले कई वर्षों से उत्तर प्रदेश में गैंगस्टर राज की परंपरा को राजनीति में प्रतिष्ठित किया और फिर दिखावा करते हुए उन्हें हटाने के बाद फिर से गले लगा लिया। जेटली ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर वह तथा केंद्र की मोदी सरकार मिलकर प्रदेश का विकास करेगी। (एजेंसी)