पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि गठबंधन सरकार सिर्फ सत्ता में भागीदारी के लिए नहीं, बल्कि राज्य के लोगों के दिल और दिमाग जीतने के लिए है। वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि मैं खुश हूं कि मतभेद लगभग खत्म हो गए हैं और आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-भाजपा गठबंधन की सरकार होगी।
दोनों नेताओं ने धारा ३७० और आफस्पा कानून को लेकर कोई चर्चा नहीं की। बल्कि इतना ही कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के हित हो देखते हुए यह फैसला लिया गया है। जबकि हाल के दिनों तक दोनों दलों के नेता यह कहते रहे हैं कि गठबंधन नहीं करेंगे। यहां तक कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सभाओं में कहते थे कि बाप-बेटी से कश्मीर के लोगों को छुटकारा दिलाना है। वहीं महबूबा मुपती भी बार-बार यह कहती रही कि भाजपा के साथ किसी कीमत पर नहीं जाना है। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता बार-बार धारा ३७० और आफस्पा कानून को लेकर राग अलाप रहे थे। लेकिन गठबंधन के बाद कोई नेता अब बोलना नहीं चाहता।
दोनों दलों का अपना अलग-अलग एजेंडा है लेकिन नए एजेंडे पर कैसे काम करेंगे इस बात को लेकर अभी सहमति बनना बाकी है। सूत्रों के मुताबिक पीडीपी नेता मुपती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री होंगे जबकि भाजपा को उपमुख्यमंत्री का पद दिया जाएगा। वहीं दोनों ही दलों से छह-छह मंत्री होंगे। यानी घाटी से एक मुख्यमंत्री और छह मंत्री जबकि जम्मू क्षेत्र से एक उपमुख्यमंत्री और छह मंत्री होंगे। विभागों का बंटवारा आपसी सहमति से होगा। पीडीपी नेता नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे जिसके बाद सरकार बनाने का ऐलान किया जाएगा। संभवतः एक मार्च को शपथ ग्रहण समारोह होगा। जिसमें प्रधानमंत्री भी शिरकत करेंगे।