तमिलनाडु की मुख्यमंत्री एवं अन्नाद्रमुक प्रमुख जयललिता की साड़ी का रंग, चुनावी सभाओं में उनके मंच की पृष्टभूमि और सभा स्थल की सजावट सभी का रंग हरा होता है। दिलचस्प बात है कि अन्नाद्रमुक की चुनावी सभाओं में चेंदईमेलन जैसे पारपंरिक वाद्य यंत्र बजाने वाले कलाकारों द्वारा ओढ़े जाने वाले शॉल के रंग भी हरे होते हैं। इसके अलावा उनके समर्थकों की साडि़यों के रंग भी हरे होते हैं। साथ ही उनके द्वारा इस्तेमाल कलम का रंग, पार्टी की वेबसाइट की पृष्ठभूमि, पार्टी के तमिल दैनिक डा. नमाधू एमजीआर में महत्वपूर्ण शीर्षक का रंग भी हरा होता है। अन्नाद्रमुक के हरे रंग के प्रेम के बारे में पार्टी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, यह इस तथ्य से उभरा है कि यह समृद्धि, शांति और प्रगति का प्रतीक है जो कि पार्टी का प्रचार वाक्य भी है और पार्टी के प्रतीक दो पत्तियों के भी यही मायने हैं।
जहां तक द्रमुक का सवाल है तो पीला रंग पार्टी प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री करूणनिधि को पसंद है। करूणानिधि कई वर्षों से इसी रंग का शॉल ओढ़ते हैं। पीले रंग की शुरूआत वहीं से होती है और यह द्रमुक में सभी जगह देखा जा सकता है विशेष तौर पर पार्टी की सभाओं में। करूणानिधि की बड़ी चुनावी रैलियों में मंच की पृष्टभूमि का रंग पीला था चाहे वह तिरूवल्लूर की रैली हो या कुड्डलूर की रैली। चमकीले पीले पृष्ठभूमि के अलावा जो दूसरा सबसे महत्वपूर्ण रंग है, वह है पार्टी झंडे का लाल और काला रंग। दिलचस्प बात है कि पार्टी के चिन्ह उगता सूरज का रंग भी पीला है और इस रंग का इस्तेमाल द्रमुक के तमिल दैनिक मुरासोली में प्रमुख शीर्षकों और पृष्ठभूमि में होता है। द्रमुक के पीले रंग पर पार्टी के एक नेता ने कहा, यह अजीब है कि मीडिया इन सब चीजों पर भी गौर करता है। हम तर्कवादियों की पार्टी हैं।