बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में तो खैर वैसे भी पार्टी सिर्फ बेहतर वोट शेयर की लड़ाई लड़ रही है। असम में लोकसभा की 14 में से सात सीटें जीतने के बाद पार्टी को उम्मीद है कि इस बार वहां उसकी सरकार बन जाएगी मगर इंडिया टीवी-सी वोटर की ओर से कराए गए एक चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के नतीजों में दावा किया गया है कि असम विधानसभा चुनाव के परिणाम आने पर किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा और राज्य में भाजपा और सत्ताधारी कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। दूसरी ओर केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा कांग्रेस की अगुवाई वाले संयुक्त लोकतांत्रिाक मोर्चे को सत्ता से बेदखल कर सकता है।
सर्वेक्षण के नतीजों के अनुसार पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु में सत्तासीन अन्नाद्रमुक सत्ता में वापसी कर सकती है। सर्वेक्षण के नतीजों में कहा गया है कि विधानसभा की 126 सीटों वाले असम में भाजपा की अगुवाई वाला गठबंधन 55 सीटें जीत सकता है जबकि मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की अगुवाई में कांग्रेस 53 सीटें जीत सकती है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 78 सीटें मिली थीं। गौरतलब है कि असम में सरकार बनाने के लिए 64 सीटों की जरूरत होती है। भाजपा की अगुवाई वाले गठबंधन में असम गण परिषद और बोडो पीपुल्स फ्रंट शामिल हैं। बदरूद्दीन अजमल के ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट को 12 सीटें मिलने की संभावना है जबकि अन्य को छह सीटें मिल सकती हैं। ऐसे में यहां कांग्रेस और अजमल की पार्टी मिलकर सरकार बना सकते हैं।
विधानसभा की 140 सीटों वाले केरल में एलडीएफ को आसानी से 86 सीटें मिलने का पूर्वानुमान किया गया है जबकि अभी राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ को 53 सीटें मिलने का अनुमान है। सर्वेक्षण के नतीजों में कहा गया है कि भाजपा की अगुवाई वाला गठबंधन वहां एक सीट हासिल कर सकता है।