आप ने इऩ चुनावों में पहली बार एंट्री की है तो कांग्रेस अपनी खोई हुई साख वापस लाना चाहती है और भाजपा मिशन 2019 के तहत इन चुनावों को देख रही है। चुनाव नतीजों से इन पार्टियों का भविष्य भी तय हो जाएगा।
पंजाब व गोवा की हार के बाद आप के लिए यह चुनाव बेहद अहम हो गया है। 2015 में दिल्ली विधानसभआ में प्रचंड बहुमच से सत्ता पर काबिज होने वाली आप के लिए चुनाव नतीजों से इसके भविष्य की राह भी तय हो जाएगी। कांग्रेस के भीतर उठापटक रही और अगर इसका प्रदर्शन अच्छा रहता है तो अजय माकन का भविष्य तय हो जाएगा वर्ना पार्टी को किसी और को कमान देने के लिए सोचना पड़ सकता है।
भाजपा ने सत्ता विरोधी लहर व भ्रष्ट्राचार के दाग से बचने के लिए नए चेहरों को मैदान में उतारा और अगर भाजपा सत्ता में वापसी करती है तो आगामी दिल्ली विधानसभा व 2019 की रणनीति पर काम करेगी। राज्य चुनाव आयोग ने मतगणना के लिए 35 केंद्र बनाए हैं।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के लिए 13, उत्तरी नगर निगम के लिए 16 और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के लिए छह स्थानों पर मतगणना केंद्र बनाए हैं। इस बार चुनाव में 54 फीसदी मतदान हुआ था। मुख्य मुकाबला आप, कांग्रेस व भाजपा के बीच ही माना जा रहा है। एमसीडी के 272 वार्डो में केवल 270 पर ही मतदान हुआ।
समझा जाता है कि दस बजे ही नतीजे आ जाएंगे। उधर, आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अगर नतीजे खराब आए तो वह ईवीएम को लेकर आंदोलन करेंगे।