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राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, एल मुरुगन, सेल्वागणपति और TMC की सुष्मिता देव

असम से राज्यसभा के लिए केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को नाम वापस लेने के आखिरी दिन निर्विरोध...
राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, एल मुरुगन, सेल्वागणपति और TMC की सुष्मिता देव

असम से राज्यसभा के लिए केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को नाम वापस लेने के आखिरी दिन निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए। एल मुरुगन को मध्य प्रदेश से, पिछले महीने कांग्रेस से टीएमसी में शामिल हुईं सुष्मिता देव को पश्चिम बंगाल और सेल्वागणपति पुदुचेरी से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए।

असम की सीट राज्य विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत डेमरी के उच्च सदन से इस्तीफा देने के कारण खाली हुयी थी। डेमरी ने विधानसभा चुनाव में निर्वाचित होने के बाद उच्च सदन से इस्तीफा दिया था।

मध्य प्रदेश की राज्यसभा की सीट थावरचंद गहलोत के इस्तीफे के कारण इस साल जुलाई में खाली हुई थी।  गहलोत को जुलाई में कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया जिस पर उन्होंने केन्द्रीय मंत्री के पद से भी इस्तीफा दिया था। तमिलनाडु के रहने वाले मुरुगन को हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिपरिषद में शामिल किया था।

पिछले हफ्ते टीएमसी ने सुष्मिता देव को उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया था जो हाल ही में कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी में शामिल हुई थीं। पश्चिम मेदिनीपुर के सबांग से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद टीएमसी के मानस भूइयां ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। जिस पर उपचुनाव कराना पड़ा। एमसी में शामिल होने के समय, सुष्मिता देव ने कहा कि वह “सार्वजनिक सेवा का एक नया अध्याय शुरू कर रही हैं।”

बीजेपी उम्मीदवार एस सेल्वागणपति पुदुचेरी से राज्यसभा की एकमात्र सीट पर निर्विरोध निर्वाचित हुए। केंद्र शासित प्रदेश के सचिव आर मौनीसामी ने कहा कि सेल्वागणपति को सीट से निर्विरोध निर्वाचित कर लिया गया। यह सीट छह अक्टूबर को खाली हुई थी।

महाराष्ट्र में अगले महीने होने वाले राज्यसभा उपचुनाव के लिये सोमवार को भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपना उम्मीदवार वापस लेने के बाद कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रजनी पाटिल का संसद के उच्च सदन के लिये निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। मई में कांग्रेस सांसद राजीव सातव के निधन के बाद इस सीट पर उप चुनाव कराना आवश्यक हो गया था। उच्च सदन में उनका कार्यकाल दो अप्रैल 2026 तक था। अगले महीने की चार तारीख को होने वाले उप चुनाव के लिये नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 27 सितंबर थी।

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