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लोकसभा चुनाव : हिमाचल की मंडी सीट से कंगना रनौत के खिलाफ ताल ठोकेंगे विक्रमादित्य सिंह, मनीष तिवारी की बदली सीट

कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से राज्य सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह को...
लोकसभा चुनाव : हिमाचल की मंडी सीट से कंगना रनौत के खिलाफ ताल ठोकेंगे विक्रमादित्य सिंह, मनीष तिवारी की बदली सीट

कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से राज्य सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की, जिसके साथ ही इस सीट पर उनके और भाजपा उम्मीदवार एवं अभिनेत्री कंगना रनौत के बीच एक बेहद दिलचस्प चुनावी मुकाबला होने की उम्मीद है।

हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री विक्रमादित्य सिंह छह बार के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह एवं कांग्रेस की राज्य इकाई की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे हैं।

ऐतिहासिक रूप से, मंडी निर्वाचन क्षेत्र ने 1952 के बाद से दो उपचुनावों सहित 19 में से 13 चुनावों में पूर्व रियासतों के वंशजों को चुना है।

शिमला (ग्रामीण) विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे विक्रमादित्य सिंह मंडी संसदीय क्षेत्र के लिए नए नहीं हैं क्योंकि उनके पिता और मां दोनों ने तीन-तीन बार यह सीट जीती है। मंडी लोकसभा सीट पर 2021 के उपचुनाव में सिंह ने अपनी मां के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया था।

अपनी उम्मीदवारी की घोषणा होने से पहले ही, विक्रमादित्य सिंह और बॉलीवुड फिल्म 'क्वीन' की अभिनेत्री कंगना के बीच तीखी बहस छिड़ चुकी थी।

जहां एक ओर विक्रमादित्य सिंह ने रनौत को 'विवादों की रानी' कहा था, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार ने परोक्ष रूप से उन्हें 'छोटा पप्पू' कहा था।

कंगना रनौत ने पिछले बृहस्पतिवार को विक्रमादित्य सिंह पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था, ‘‘ ये तुम्हारे बाप-दादा की रियासत नहीं है, कि तुम मुझे डरा, धमका के वापस भेज दोगे।’’

विक्रमादित्य सिंह ने एक बयान में कहा था कि वह भगवान राम से प्रार्थना करते है कि वह उन्हें (कंगना रनौत) सद्बुद्धि दें

कंगना ने परोक्ष रूप से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विक्रमादित्य सिंह को 'पप्पू' करार देते हुए कहा था कि दिल्ली में एक 'बड़ा पप्पू' है और हिमाचल में 'छोटा पप्पू' कहता है कि वह गोमांस खाती हैं। कंगना ने पूछा कि वह उनके गोमांस खाने का सबूत क्यों नहीं दिखा रहे हैं।

कंगना ने इस सीट पर दावेदारी मजबूत करते हुए एक बयान में कहा था, ‘‘ मैंने अपने पिता और मां की मदद के बिना फिल्म उद्योग में अपना नाम बनाया है... मैं राजनीति में शामिल होना चाहती हूं और लोगों की सेवा करना चाहती हूं। राजनीति सेवा की अभिव्यक्ति है और राजा से लेकर भिखारी तक कोई भी इस अभिव्यक्ति का हकदार है।’’

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