जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को पीएम मोदी के साथ बैठक में हिस्सा लेने से पहले एक बार फिर से पाकिस्तान से बातचीत करने और अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग की है। हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि यह देश भाजपा के घोषणापत्र से नहीं बल्कि संविधान से चलेगा। मैं स्पष्ट बता रही हूं कि यदि अनुच्छेद 370 और 35ए बहाल नहीं किए जाते है तो मैं चुनाव नहीं लडूंगी। यह तय है।
महबूबा मुफ्ती ने बातचीत में कहा कि नरेंद्र मोदी सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि वह देश के प्रधानमंत्री हैं और मैं अपना भरोसा प्रधानमंत्री पर पर दिखा रही हूं। अगस्त 2019 में जो भी हुआ वह अस्वीकार्य है। राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को असंवैधानक तौर पर हटाया गया। यह एक पुल था जिसके रास्ते में हमारी भावनाएं बाकी भारत के साथ जुड़ी थी। हम इससे कम पर कुछ नहीं मानेंगे। हम अनुच्छेद 370 की बहाली चाहते हैं।
महबूबा ने कहा कि यदि आप अपना मुंह खोलेंगे तो आप पर नागरिक सुरक्षा कानून के तहर केस दर्ज किया जाएगा। अगर सरकार तालिबान से बात करने दोहा जा सकती है तो वह अपने लोगों से बाद क्यों नहीं कर सकती? कश्मीर में एक आम आदमी के साथ भी आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया जाता है। अगस्त 2019 में जो हुआ उस फैसले को वापस लेना चाहिए।
पीडीपी प्रमुख का ये बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार गुरूवार को प्रदेश के नेताओं के साथ बातचीत करने का न्योता भेजा है। राज्य के सभी दलों के साथ सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। एक तरफ मुफ्ती ने पाक के साथ बातचीत करने की सलाह केंद्र को दी है। वहीं, जम्मू-कश्मीर मामले में केंद्र का कहना है कि वो बाहरी हस्तक्षेप को बर्दास्त नहीं करेगा।