मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों में अपने प्रदर्शन में सुधार करते हुए कुल 82 सीट में से 50 पर जीत दर्ज की, जो 2018 की तुलना में 17 अधिक हैं।
चुनाव नतीजे बताते हैं कि भाजपा ने राज्य में एससी/एसटी समुदायों के बीच अपना आधार बढ़ाया है। हालांकि, पार्टी के प्रमुख आदिवासी चेहरे और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते चुनाव हार गए।
मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 17 नवंबर को हुए थे और मतगणना तीन दिसंबर को हुई। भाजपा ने 163 सीट जीतकर राज्य में सत्ता बरकरार रखी, जबकि कांग्रेस 66 सीट के साथ दूसरे स्थान पर रही। कांग्रेस को 2018 में 114 सीट जीती थीं। नतीजों के मुताबिक, भाजपा ने एसटी/एससी समुदायों के लिए आरक्षित कुल 82 सीट में से 50 पर जीत हासिल की, जबकि पिछले चुनाव में 33 सीट जीती थीं।
इस बार जिन 47 एसटी आरक्षित सीट पर चुनाव हुए, उनमें से भाजपा ने 24 सीट जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 22 यानी कांग्रेस को पिछले चुनाव की तुलना में नौ सीटों की नुकसान हुआ। वहीं, 2018 में भाजपा ने इनमें से 15 सीट जीती थीं। एसटी-आरक्षित सीटों में से एक रतलाम जिले की सैलाना, नई चुनावी पार्टी भारत आदिवासी पार्टी को मिली।
एससी-आरक्षित 35 सीट में से, भाजपा 26 पर विजयी हुई, जबकि कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में आठ सीट के नुकसान के साथ नौ पर ही जीत दर्ज कर पाई। वहीं, 2018 में भाजपा ने 18 सीट जीती थीं।
भाजपा का आदिवासियों के बीच आधार बढ़ा, लेकिन उनका एक प्रमुख आदिवासी चेहरा केंद्रीय मंत्री कुलस्ते मंडला सीट से चुनाव हार गए। भाजपा की राज्य इकाई के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि उनकी पार्टी को एससी/एसटी समुदायों सहित समाज के सभी वर्गों से प्यार मिला है।
उन्होंने कहा, ‘‘एसटी/एससी समुदायों ने भाजपा के प्रति अपना प्यार दिखाया है। कांग्रेस ने हमेशा एससी/एसटी प्रतीकों का अपमान किया है और इन समुदायों के हितों की अनदेखी की है, जबकि भाजपा ने प्राथमिकता के आधार पर काम किया और उनके रोजगार, शिक्षा, बैंक ऋण गारंटी योजनाएं, आदि की व्यवस्था कीं।’’
चतुर्वेदी ने कहा कि आदिवासी समुदाय को सशक्त बनाने के लिए मध्य प्रदेश में अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत विस्तार अधिनियम लागू किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘संत रविदास और आदिवासी प्रतीक बिरसा मुंडा, टंट्या मामा, शंकर शाह, रघुनाथ शाह, रानी दुर्गावती को भाजपा ने उचित सम्मान दिया।’’ राज्य की भाजपा सरकार ने इस साल अगस्त में सागर में 100 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले संत रविदास के मंदिर सह-स्मारक की आधारशिला रखी थी। आरक्षित सीट पर पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पार्टी इन सभी बिंदुओं पर समीक्षा कर रही है। समीक्षा के बाद पता चलेगा कि किस वजह से यह स्थिति पैदा हुई।’’