दीदी के दांव से मेघालय में कांग्रेस चारो खाने चित हो गई है। राज्य में विपक्षी कांग्रेस किनारे लग गई है। दरअसल, पार्टी को बड़ा झटका देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के नेतृत्व में उनके 17 में से 12 विधायक गुरुवार को ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस से नाराज चल रहे थे।
विधानसभा में विपक्ष के नेता संगमा कथित तौर पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नाखुश थे। सूत्रों ने यह भी कहा कि संगमा बिना उनकी सलाह के विन्सेंट एच पाला की नियुक्ति से नाराज थे और दोनों के बीच अच्छा तालमेल नहीं था।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी का यह बड़ा कदम है जो अपने मूल राज्य से बाहर अपनी पार्टी के पदचिह्न का विस्तार करने की कोशिश कर रही हैं। यह कदम बिहार से तीन बार के कांग्रेस सांसद कीर्ति आजाद, जद (यू) के पूर्व महासचिव पवन वर्मा और हरियाणा के राजनेता अशोक तंवर के उनकी पार्टी में शामिल होने के एक दिन बाद आया है।
दरअसल, टीएमसी पड़ोसी राज्य में कड़े मुकाबले में नगर निगम का चुनाव लड़कर त्रिपुरा के राजनीतिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रवेश करने की कोशिश कर रही है। यह गोवा में विधानसभा चुनाव भी लड़ेगी, जिसका मकसद बनर्जी को भाजपा विरोधी सबसे प्रमुख विपक्षी आवाज के रूप में मजबूती से खड़ा करना है।
राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद बनर्जी से सोनिया गांधी से मिलने की उनकी योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने मंगलवार को कहा था कि जब भी वह नई दिल्ली आती हैं तो कांग्रेस अध्यक्ष से मिलना अनिवार्य नहीं है।
नाम न छापने की शर्त पर बोल रहे टीएमसी नेता ने कहा कि कांग्रेस के 12 विधायकों के उनकी पार्टी में शामिल होने से तृणमूल कांग्रेस राज्य में प्रमुख विपक्षी दल बन गई है।
उन्होंने कहा, "मेघालय में कांग्रेस के 17 में से 12 विधायक तृणमूल में शामिल हो गए। मेघालय में प्रमुख विपक्ष अब तृणमूल है। कांग्रेस के लिए एक और बड़ा झटका।"
बता दें कि मेघालय में 2023 में चुनाव होने हैं।