जैसा कि उम्मीद जताई जा रही थी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल का बड़ा विस्तार किया है। इसके तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाले पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, मुख्तार अब्बास नकवी और निर्मला सीतारमण को स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री के तौर पर प्रमोट किया गया है। अभी इन मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं हुआ हैैै।
मंत्रिमंडल विस्तार पर भाजपा के सहयोगी दलों जदयू और शिवसेना को मौका नहीं मिला है। इस पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि उन्हें मंत्री पद का लालच नहीं है।
अलावा कैबिनेट में कुल 9 नए राज्य मंत्रियों को भी जगह दी गई है, जिनमें चार पूर्व नौकरशाह और पांच राज्यों में भाजपा के कद्दावर नेता हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव और इससे पहले कई राज्यों के विधानसभा चुनाव के मद्देेनजर हुआ यह मंत्रिमंडल विस्तार इस प्रकार रहा
राज्यमंत्री बने नए चेहरे
- शिव प्रताप शुक्ला
- अश्विनी कुमार चौबे
- वीरेंद्र कुमार
- अनंत कुमार हेगड़े
- राजकुमार सिंह
- हरदीप सिंह पुरी
- गजेंद्र सिंह शेखावत
- सत्यपाल सिंह
- अल्फ़ोंस कन्ननथनम
प्रमोट होकर बने कैबिनेट मंत्री
- पीयूष गोयल
- धर्मेंद्र प्रधान
- मुख्तार अब्बास नकवी
- निर्मला सीतारामन
पूर्व नौकरशाहों को जगह
मोदी मंत्रिमंडल में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर और बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह, पूर्व गृह सचिव और बिहार के आरा से सांसद आरके सिंह, भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रहे हरदीप सिंह पुरी और केरल के पूर्व आईएएस अधिकारी अल्फोंस कन्नान्थानाम के नाम शामिल हैं। लंबा प्रशासनिक अनुभव रखने वाले इन पूर्व नौकरशाहों को मंत्रिमंडल में शामिल कर सरकार इनकी विशेषज्ञता का लाभ उठाएगी। इसका मतलब यह भी है कि कई मंत्रालयों के प्रदर्शन को पीएम मोदी पुराने नौकरशाहों की मदद से सुधारना चाहते हैं।
पांच नए सांसद भी हुए शामिल
पूर्व नौकरशाहों के अलावा विभिन्न राज्यों से 5 सांसदों को भी पहली बार मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। इनमें यूपी से शिव प्रताप शुक्ला, बिहार से अश्विनी कुमार चौबे, कर्नाटक से अनंत कुमार हेगड़े, मध्यप्रदेश से वीरेंद्र कुमार, राजस्थान से गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम शामिल हैं।
बदलाव के सियासी मायने
आने वाले कुछ महीनों में गुजरात, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होनेे हैं। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव पर सबकी निगाहें हैं। ऐसे में मोदी सरकार का यह संभवत: आखिरी बड़ी कैबिनेट विस्तार होगा। तीन साल गुजरने के बाद नोटबंदी, आर्थिक सुस्ती और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर घिरी मोदी सरकार की नई टीम भाजपा और एनडीए के चाल, चरित्र और चेहरों की झलक पेश करेगी।
छह मंत्रियों के इस्तीफे!
रविवार को होने वाले कैबिनेट विस्तार से पहले राजधानी दिल्ली में सियासी सरगर्मियां काफी तेज हो गई थी। मोदी सरकार के कम से कम छह मंत्रियों को इस्तीफा देने के लिए कहा जा चुका है। इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में राजीव प्रताप रूडी, संजीव बालियान, फग्गन सिंह कुलस्ते, कलराज मिश्र, महेंद्र नाथ पांडेय और बंडारू दत्तात्रेय शामिल हैं। इनके अलावा रेल मंत्री सुरेश प्रभु और जल संसाधन मंत्री उमा भारती के इस्तीफे के अटकलें भी लगाई जा रही थी।