प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि जो देश अपनी विरासत को संजोकर नहीं रखता, उसका भविष्य भी अंधकारमय हो जाता है।
मोदी ने गुजरात के अहमदाबाद शहर के साबरमती में 1,200 करोड़ रुपये के गांधी आश्रम स्मारक ‘मास्टरप्लान’ की शुरुआत की और 12 मार्च, 1930 को महात्मा गांधी द्वारा निकाले गए प्रसिद्ध दांडी मार्च या नमक मार्च के 94 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक समारोह में पुनर्विकसित कोचरब आश्रम का भी उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जो देश अपनी विरासत को संजोकर नहीं रखता, वह अपना भविष्य भी खो देता है। साबरमती आश्रम न सिर्फ देश, बल्कि पूरी मानव जाति के लिए एक धरोहर है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘साबरमती आश्रम न केवल हमारे स्वतंत्रता संग्राम, बल्कि ‘विकसित भारत’ के लिए भी तीर्थस्थल बन गया है।’’ उन्होंने कहा कि आजादी के बाद बनी सरकारों के पास साबरमती आश्रम जैसे धरोहर स्थलों की देखरेख को कायम रखने के लिए कोई सोच या राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी।
मोदी ने कहा, ‘‘इसके दो कारण थे - पहला, भारत को विदेशी नजरिए से देखना और दूसरा, तुष्टीकरण की राजनीति करना जिसके परिणामस्वरूप हमारी विरासत बर्बाद हो गई।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान कुछ और नहीं, बल्कि महात्मा गांधी के ‘स्वदेशी’ विचार से प्रेरित है।