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गौतम गंभीर के खिलाफ आप ने दर्ज कराया आपराधिक मुकदमा, दो वोटर आईडी रखने का आरोप

आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को दावा किया कि पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार गौतम...
गौतम गंभीर के खिलाफ आप ने दर्ज कराया आपराधिक मुकदमा, दो वोटर आईडी रखने का आरोप

आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को दावा किया कि पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार गौतम गंभीर का नाम मतदाता सूची में दो बार दर्ज है। इस मामले में आप ने गंभीर के खिलाफ तीस हजारी कोर्ट में आपराधिक शिकायत दर्ज की है। कोर्ट में मामले की सुनवाई की तारीख 1 मई है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पूर्वी दिल्ली से आप की प्रत्याशी आतिशी ने कहा कि यह आपराधिक मामला है और गंभीर को फौरन अयोग्य करार दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हमने इस मामले में गंभीर के खिलाफ तीस हजारी कोर्ट में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है।'  आतिशी का आरोप है कि गंभीर के पास राजेंद्र नगर और करोल बाग के दो मतदाता पहचान पत्र हैं और उन्हें इस जुर्म के लिए 1 साल तक की कैद की सजा का सामना करना पड़ सकता है।

आतिशी ने ट्वीट कर मतदाताओं से अपील की, 'गौतम गंभीर को वोट देकर अपना मत व्यर्थ न करें, उन्हें तुरंत ही दो वोटर आईडी कार्ड रखने के लिए अयोग्य करार दिया जाएगा! अपना वोट व्यर्थ न करें'

आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी मतदाताओं से कहा कि वे किसी ऐसे व्यक्ति को अपना वोट न डालें, जो जल्द ही अयोग्य हो जाएगा।

भाजपा ने किया पलटवार

आरोपों का जवाब देते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि "आप चुनाव हार रही है" इसीलिए वह इस तरह के मुद्दों को उठा रही है। तिवारी ने कहा कि गंभीर के सभी दस्तावेज सही हैं और उन्हें चुनाव लड़ने से कोई नहीं रोक सकता। तिवारी ने कहा, "हम सकारात्मक राजनीति के लिए आए हैं और आप की नकारात्मक राजनीति से प्रभावित नहीं होंगे।"

क्या है कानून?

शिकायत धारा 155 (2) के तहत दर्ज की गई है, जिसमें अपराध की सजा के लिए पुलिस जांच के लिए निर्देश की मांग की गई है। साथ ही धारा 17 और 31 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 ए के तहत शिकायत दर्ज की गई है।

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता के रूप में नामांकित होने का हकदार नहीं है।

धारा 31 के तहत मतदाता सूची में शामिल होने की झूठी घोषणा की जाती है तो एक साल तक की जेल की सजा हो सकती है।

नतीजतन, दो या दो से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता के रूप में पंजीकरण प्राप्त करने के लिए की गई ऐसी कोई भी घोषणा एक वर्ष तक कारावास, या जुर्माना, या दोनों के साथ दंडनीय अपराध है।

 

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