दिल्ली की केजरीवाल सरकार अब आर-पार के मूड में दिखाई दे रही है। केजरीवाल दिल्ली में नौकरशाहों की कथित ‘‘हड़ताल’’ खत्म करवाने के लिए अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ पिछले सात दिनों से उपराज्यपाल के कार्यालय में धरना पर बैठे हैं। इसे लेकर पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और केरल के मुख्यमंत्रियों ने दिल्ली के अपने समकक्ष अरविंद केजरीवाल के प्रति एकजुटता दिखाई है। चारों मुख्यमंत्रियों ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर दिल्ली के मुद्दे पर प्रतिनिधित्व के लिए समय मांगा था, लेकिन कहा गया कि वे बाहर हैं। इसलिए नहीं मिल सकते।
केजरीवाल के आवास पर संवाददाता सम्मेलन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी और केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने केंद्र से तुरंत संकट का समाधान करने को कहा।
अगले साल लोकसभा चुनावों के पहले विपक्षी दलों के साथ आने के प्रयासों के बीच केजरीवाल को चारों मुख्यमंत्रियों के समर्थन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने पर विचार कर रही कांग्रेस दिल्ली के मुख्यमंत्री के धरना पर बैठने की आलोचना कर रही है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘हम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रति अपना समर्थन दिखाने के लिए यहां आए हैं। हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री दखल दें और समस्या को सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।’’
उपराज्यपाल अनिल बैजल की ओर से मिलने की अनुमति नहीं मिलने के बाद चारों मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास पर गए।
ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलना चाहती थी लेकिन मौखिक रूप से मुझे बताया गया कि अनुमति नहीं मिलेगी। इसके बाद हम चारों ने उपराज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा लेकिन हमें बताया गया कि वह (बैजल) यहां नहीं हैं। हमें इजाजत नहीं दी गयी।’’
इससे पहले चारों मुख्यमंत्रियों की बैठक आंध्र भवन में हुई। ममता, नायडू, विजयन और कुमारस्वामी कल नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए हुए हैं। चारों मुख्यमंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के निवास पर केजरीवाल की पत्नी और आप के कुछ अन्य नेताओं से मुलाकात की ।
ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘हमें उनसे मुलाकात के लिए छह मिनट का भी समय नहीं दिया गया। हम चाहते हैं कि इस समस्या को सुलझाया जाए। यह संवैधानिक संकट बन गया है। आखिरकार अगर इस समस्या को नहीं सुलझाया गया तो लोगों को नुकसान होगा। अगर राजधानी में ये चीजें होंगी तो अन्य राज्यों में क्या होगा ? हम कल प्रधानमंत्री से मिलेंगे और उनसे समस्या को सुलझाने के लिए दखल देने का अनुरोध करेंगे।’’
इधर, रविवार को सीएम केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा, “जो प्रधानमंत्री किसी राज्य में अफ़सरों की हड़ताल करवा के वहां का काम-काज ठप करता है, क्या ऐसे प्रधानमंत्री के हाथों में देश का लोकतंत्र सुरक्षित है?”
Good morning Delhi
जो प्रधान मंत्री किसी राज्य में अफ़सरों की हड़ताल करवा के वहाँ का काम काज ठप करता है, क्या ऐसे प्रधान मंत्री के हाथों में देश का लोकतंत्र सुरक्षित है?
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 17, 2018
मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर फरवरी में कथित हमले के विरोध में दिल्ली के नौकरशाह दिल्ली के मंत्रियों से नहीं मिल रहे हैं। नौकरशाह घटना के लिये केजरीवाल से माफी मांगने को कह रहे हैं।