शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से दिल्ली स्थित उनके घर पर मिले। करीब एक घंटे चली इस मीटिंग के बाद संजय राउत ने कहा, 'विपक्ष का केवल एक मोर्चा होना चाहिए।' हमने यह पहले से कहा है कि विपक्ष का अगर कोई एक फ्रंट बनता है तो कांग्रेस के बिना संभव नहीं है, उस बारे में जरूर चर्चा हुई है। यूपीए के अस्तित्व को लेकर खड़े हुए सवालों के बीच शिवसेना की यह मुलाकात अहम मानी जा रही है। संजय राउत यह भी कह चुके हैं कि महाराष्ट्र में चल रहा तीन दलों का गठबंधन भी मिनी यूपीए की तरह है।
संजय राउत ने कहा कि मैंने राहुल गांधी को कहा है कि आपको लीड लेना चाहिए. आपको इस बारे में खुलकर काम करना चाहिए। कोई इस प्रकार से फ्रंट बनाएगा, बहुत सारे राजनीतिक दल आज भी कांग्रेस के साथ हैं, तो अलग-अलग फ्रंट बनाकर क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने कब कहा है कि कोई नेता लीड करना चाहिए। मैं इतना कहता हूं विपक्ष का एक ही फ्रंट होना चाहिए. लीडरशिप के बारे में एक साथ बैठकर आप चर्चा कर सकते हो। उन्होंने कहा कि एक ही फ्रंट बनेगा। एक ही फ्रंट बनना चाहिए।
राउत ने कहा, "राहुल गांधी जी से लंबी बात हुई है, जो बातचीत हुई वो स्वभाविक तौर पर राजनीतिक है. सब कुछ ठीक है लेकिन जो भी चर्चा हुई, उसके बारे में पहले पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे जी को बताएंगे। उसके बाद ही मीडिया में कुछ कह सकते हैं लेकिन इतना ज़रूर है कि शिवसेना यह मानती है एकजुट विपक्ष होना चाहिए।"
उन्होंने बताया, "राहुल गांधी मुंबई आने वाले हैं। एक कार्यक्रम में ये तय हो रहा है ( 27-28 दिसंबर को )। उस दौरान अगर उद्धव ठाकरे कामकाज पर लौटे, तो मुलाकात हो सकती है।"
संजय राउत ने कहा कि टीएमसी और कांग्रेस को साथ लाने की कोशिश के लिए शरद पवार जी जैसे वरिष्ठ नेता काफी हैं।" उन्होने बताया कि कल प्रियंका गांधी से भी वो मुलाकात करेंगे। बता दें कि हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुंबई में यूपीए को लेकर बयान दिया था, जिसके बाद संजय राउत ने कहा था कि कांग्रेस के बिना यूपीए की कल्पना नहीं की जा सकती।