महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर तमाम तरह के दांव-पेंच चल रहे हैं। सोमवार को जहां शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने अपने 162 विधायकों के साथ शक्ति प्रदर्शन कर सरकार बनाने के लिए जरूरी समर्थन होने की बात कही। वहीं भाजपा भी बहुमत होने की बात पर टिकी हुई है। साथ ही भाजपा का कहना है कि अजित पवार ही एनसीपी विधायक दल के नेता हैं। सदन में फ्लोर टेस्ट के दौरान उनका ही व्हिप चलेगा। जबकि दो दिन पहले एनसीपी ने अजित पवार को हटाकर जयंत पाटिल को विधायक दल का नया नेता चुना था।
भाजपा नेता आशीष शेलार ने कहा, “हमें इस बात की पुष्टि है कि अजीत पवार सदन के पटल पर एनसीपी के नेता हैं, और विधायक दल के नेता के रूप में उनका ही व्हिप चलेगा।
स्पीकर लेंगे फैसला: विधानसभा सचिवालय
महाराष्ट्र विधानसभा सचिव राजेंद्र भागवत ने कहा कि विधानसभा सचिवालय को एक पत्र मिला है जिसमें दावा किया गया है कि जयंत पाटिल एनसीपी के विधायक दल के नेता हैं। लेकिन, फैसला स्पीकर को लेना है। अभी यह तय नहीं किया गया है।
विधायक दल के नेता के तौर पर अजित ने दिया समर्थन…
भाजपा के नेताओं का मानना है कि शपथ से पहले अजित पवार ने विधायक दल के नेता की हैसियत से समर्थन पत्र दिया था। महाराष्ट्र में सरकार तो बन गई, पर क्या स्थिर रह पाएगी, इस सवाल पर बीजेपी प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा, ‘अजित पवार विधायक दल के नेता की हैसियत से बीजेपी को समर्थन दिए, जिससे बीजेपी के विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने, कहीं कोई रोड़ा नहीं है। सदन में पार्टी बहुमत साबित करके रहेगी।’
जयंत को एनसीपी विधायक दल का नेता बनाना अमान्य
इससे पहले सोमवार को आशीष शेलार ने कहा था, 'भारतीय जनता पार्टी का यह मानना है कि अजित पवार की एनसीपी विधायक दल के नेता के तौर पर नियुक्ति मान्य है, जबकि उनकी जगह जयंत पाटिल को नियुक्त किया जाना अमान्य है।' एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार को पार्टी के विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया है। इसके साथ ही जयंत पाटील को पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया है।