कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के कथित ‘शराब घोटाले’ के मामले में उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश को लेकर बुधवार को दावा किया कि यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित था और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फंसाने की कोशिश की थी।
उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ में 2,000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ धन शोधन का मामला सोमवार को रद्द करते हुए कहा था कि अपराध से कोई संपत्ति अर्जित नहीं की गई।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने यह उल्लेख करते हुए पिता-पुत्र के खिलाफ शिकायत रद्द कर दी कि उन पर मुख्य अपराध का कोई मामला नहीं है और ना ही धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कोई मामला बनता है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सोमवार के दिन उच्चतम न्यायालय ने तथाकथित छत्तीसगढ़ ‘‘शराब घोटाले’’ के मामले को ईडी द्वारा बेशर्मी से गढ़ा गया मामला बता कर रद्द कर दिया। भाजपा ने अपने मुख्य अग्रिम संगठन ईडी के माध्यम से पिछले साल छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले बेशर्मी से इस झूठ को फैलाया था और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ‘‘सिंडिकेट’’ (गिरोह) में फंसाने की कोशिश की थी। इसमें अब कोई संदेह नहीं रह गया है कि यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पीएमएलए की विशेष अदालत के समक्ष दायर शिकायत में ईडी ने आरोप लगाया था कि राजनेताओं, व्यक्तियों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के एक आपराधिक ‘सिंडिकेट’ ने 2019 से 2022 तक अवैध रूप से शराब बेचकर 2,161 करोड़ रुपए की हेराफेरी की थी। पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश को इस ‘सिंडिकेट’ के मुख्य साजिशकर्ता के रूप में दिखाया गया था।’’
रमेश के अनुसार, न्यायमूर्ति ए.एस. ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस शिकायत को रद्द कर दिया तथा अदालती कार्यवाही से पता चलता है कि मामला वास्तव में कितना खोखला था।
उन्होंने कहा, ‘‘शिकायत में टुटेजा को आरोपी के रूप में नामित तक नहीं किया गया था। कोई भी कथित अपराध पीएमएलए के अंतर्गत नहीं आता। कोई विधेय अपराध (अपराध की श्रृंखला में पहला कार्य) या अपराध की आय नहीं थी।’’
रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं को परेशान करने के लिए ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग का इस्तेमाल और भाजपा के राजनेताओं को शुद्ध करने के लिए ‘वॉशिंग मशीन’ के इस्तेमाल ने देश भर में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलनों को ध्वस्त कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार के सभी आरोप और भ्रष्टाचार से संबंधित मुद्दों पर अभियोजन के सभी कानूनी मामले, काफ़ी हद तक राजनीतिक हो गए हैं।’’