मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती 2017 से पहले भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार से ग्रस्त थी, लेकिन भाजपा के सत्ता में आने के बाद यह समाप्त हो गया और अब चयन योग्यता के आधार पर होता है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि यहां डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में नवनियुक्त पुलिस कांस्टेबलों को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने आठ वर्षों में 8,50,000 से अधिक नौकरियां सृजित करने के अपनी सरकार के रिकॉर्ड पर भी प्रकाश डाला, जिनमें पुलिस विभाग में लगभग 1,25,000 नौकरियां शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया कि इस कार्यक्रम में 60,244 नव आरक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये, जो देश में सिविल पुलिस अधिकारियों की अब तक की सबसे बड़ी नियुक्ति है।
आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का बोलबाला था और बिना पैसे और सिफ़ारिश के नौकरी पाना नामुमकिन था। लेकिन अब वह दौर खत्म हो चुका है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में भर्ती प्रक्रिया योग्यता के आधार पर होती है, पारदर्शी होती है और संवैधानिक आरक्षण का सम्मान करती है। जाति, धर्म, वर्ग या क्षेत्र के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होता।
आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार ने अपने आठ साल के कार्यकाल के दौरान अब तक 8,50,000 से अधिक नौकरियां सृजित की हैं, जिनमें लगभग 1,25,000 पुलिस नौकरियां भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, "डबल इंजन वाली सरकार ने स्वच्छ और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए एक मानक स्थापित किया है।" उन्होंने आगे कहा कि सबसे गरीब परिवारों के युवा भी अब पुलिस बल का हिस्सा हैं।
अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने नये रंगरूटों के लिए कठोर प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा, "प्रशिक्षण के दौरान आप जितना अधिक पसीना बहाएंगे, बाद में उतना ही कम खून बहेगा।"
उन्होंने नए भर्ती हुए लोगों से मित्रवत, संवेदनशील और समाधान-उन्मुख होने को कहा। उन्होंने विश्वास जताया कि वे राज्य की बेहतरीन सेवा करेंगे।
आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ के दौरान राज्य पुलिस बल के अनुकरणीय प्रदर्शन की व्यापक प्रशंसा हुई। उन्होंने कहा, "अगर हम वहां अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं, तो हम कहीं भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।"
आदित्यनाथ ने 2017 में भर्ती शुरू होने पर राज्य को अर्धसैनिक और सैन्य प्रशिक्षण संसाधन बनाने में मदद करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार व्यक्त किया। सीएम ने कहा कि नतीजतन, राज्य में अब स्थानीय स्तर पर 60,000 से अधिक पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षित करने की क्षमता है।
आठ नई फोरेंसिक प्रयोगशालाएँ पहले से ही चालू हैं और छह और निर्माणाधीन हैं। 75 जिलों में से प्रत्येक में अब दो मोबाइल फोरेंसिक वैन हैं। इसके अतिरिक्त, सभी 75 जिलों में साइबर इकाइयाँ स्थापित की गई हैं और 1,994 पुलिस स्टेशनों में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं।