उन्होंने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा कि वे कह रहे हैं कि राज्यपाल के कार्यालय का गलत इस्मेताल उनके लिए ठीक है...उन दो राज्यों में जहां हम जीते हैं, वहां उन लोगों (भाजपा) ने धनबल के जरिए लोकतंत्र को कमजोर किया है। और यही हो रहा है। गोवा और मणिपुर की जनता के जनादेश को भाजपा ने हरण कर लिया है।
चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद पहली बार राहुल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारी भाजपा के साथ लड़ाई विचारधारा की लड़ाई है। भाजपा ने गोवा और मणिपुर में जो किया वह उसकी विचारधारा है- और हम उसी के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। सरकार बनाने का दावा पेश करने में कांग्रेस को देर क्यों हुई इस बारे राहुल ने कहा कि प्रश्न यह है कि भाजपा ने गोवा और मणिपुर में जनादेश चुराने के लिए कितना खर्च किया। यह प्रश्न हैं। प्रश्न यह नहीं है कि वह कितनी जल्दी गए, अपितु यह है कि गोवा और मणिपुर में जनादेश हरण के लिए कितना खर्च किया।
उन्होंने गोवा की राज्यपाल पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के दावे के पहले ही मनोहर पर्रिकर के पक्ष में पत्र जारी कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिाकार्जुन खड़गे ने मुझे शक्ति परीक्षण या कुछ भी होने से पहले पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त करने संबंधी राज्यपाल का पत्र दिखाया था तो ऐसे में जब राज्यपाल स्वंय ही पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहीं हैं, हमारे लिए दावा करना कठिन है। (एजेंसी)