बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने बुधवार को ओडिशा की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर “छोटी सोच के साथ अपरिपक्व राजनीति” करने का आरोप लगाया।
नवीन पटनायक ने पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की 109वीं जयंती पर पार्टी सदस्यों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने पंचायती राज दिवस से उनका नाम हटाने के राज्य सरकार के हालिया फैसले का भी जिक्र किया।
बीजद अध्यक्ष ने कहा, “तीन दशकों से ओडिशा में बीजू बाबू के जन्मदिन के अवसर पर पांच मार्च को पंचायती राज दिवस मनाया जाता रहा है। लेकिन, भाजपा सरकार ने अब इस प्रथा को बंद कर दिया है और तारीख को 24 अप्रैल कर दिया है।”
नवीन पटनायक ने इस कदम पर आपत्ति जताते हुए कहा, “मैं एक बात कहना चाहता हूं। आप (भाजपा सरकार) पुरस्कारों के नाम बदल सकते हैं, उनकी (बीजू बाबू की) मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं और तिथियां बदल सकते हैं; लेकिन आप ओडिशा के लोगों के मन में बीजू बाबू के लिए जो प्यार और स्नेह है, उसे नहीं छीन सकते। वह उनके दिलों में रहते हैं। आप इसे कैसे बदलेंगे?”
नवीन पटनायक ने सत्ता में आने के तुरंत बाद बीजू क्रीड़ा पुरस्कार का नाम बदलने के प्रयास के लिए भी भाजपा सरकार की आलोचना की।
उन्होंने दावा किया, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ओडिशा में सत्ता में आने के तुरंत बाद भाजपा सरकार ने बीजू क्रीड़ा पुरस्कार का नाम बदलने की कोशिश की। हालांकि, लोगों के कड़े विरोध के कारण उन्हें अपने फैसले से पीछे हटना पड़ा।”
बीजू पटनायक के छोटे बेटे और बीजद अध्यक्ष ने दिवंगत नेता की मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ की हाल की घटनाओं की निंदा की।
पटनायक ने सवाल किया, “बीजू बाबू की प्रतिमाएं पूरे राज्य में तोड़ी गई हैं, फिर भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अब, सरकार ने पंचायती राज दिवस मनाने की तारीख पांच मार्च से बदलकर 24 अप्रैल कर दी है। 1993 से, 30 वर्षों से अधिक समय से, ओडिशा पांच मार्च को पंचायती राज दिवस मनाता आ रहा है। इस तरह के निर्णय का क्या कारण है?”