मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही भाजपा में एकमात्र ऐेसे मुख्यमंत्री है जिन्हें चौथी बार मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला है। कांग्रेस के पंद्रह महीनों को छोड़ दिया जाये तो शिवराज वर्ष 2005 से लगातार इस पद पर बने हुए है। इसके बाद भी उनकी लोकप्रियता इतनी ज्यादा है कि दूसरा कोई नेता इस मामले में उनके आस-पास भी नहीं है। इसको देखते हुए अब पार्टी संगठन ने उनके विकल्प तलाश शुरू कर दी है, जिससे समय आने पर राज्य को नया नेतृत्व प्रदान किया जा सके।
इन नामों पर हो सकता है विचार
नरेन्द्र सिंह तोमर- मध्य प्रदेश में नरेन्द्र मोदी के सबसे करीबियों में से एक। यही वजह है कि दोनों कार्यकाल में वे मोदी मंत्रिमंडल में शामिल है। मध्य प्रदेश भाजपा के दो बार अध्यक्ष भी रह चुके है।
नरोत्तम मिश्रा- मध्य प्रदेश के गृह मंत्री और सात बार के विधायक। ग्वालियर-चंबल से आने वाले मिश्रा अमित शाह के करीबी बताये जाते है।
बी डी शर्मा - वर्तमाम में मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो संसदीय सीट से लोकसभा सांसद। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में लंबे समय तक प्रचारक के रूप में काम किया। प्रदेश में युवा मोर्चा की कमान भी संभाल चुके है। प्रदेश भर में इनकी पकड़ पहले से ही है। संघ की स्वाभाविक पसंद माने जाते है।
कैलाश विजयवर्गीय - भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्य के पूर्व मंत्री। फिलहाल पश्चिम बंगाल को जिताने की जिम्मेदारी इन पर है। पिछले लोक सभा चुनाव में भाजपा ने वहां बड़ी सफलता हासिल की थी। अबअगले साल वहां विधान सभा चुनाव होने जा रहे है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह दोनों के काफी करीब।
इंदर सिंह परमार- नरेन्द्र मोदी के अभी तक राज्यों में नेतृत्व के लिए जिन नेताओं को चुना है उन नामों ने सभी को चौंकाया है। इसको देखते हुए यह संभव है कि वे मध्य प्रदेश में भी इसी तरह के किसी नाम को सामने लाये। यदि इस तरह का कोई नाम सामने आता है तो वह इंदर सिंह परमार का हो सकता है, जो फिलहाल स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) है। सबसे प्रमुख की ये संघ के काफी करीब है।