आउटलुक के पास उपलब्ध इस पत्र में सुशील मोदी के विरोधी गुट ने उनकी कार्यशैली को लेकर सवाल उठाया है। पत्र में कहा गया है कि सुशील मोदी अपने आसपास ऐसे लोगों को तरजीह देते हैं तो उनके लिए किसी से भी गाली-गलौज करने पर ऊतारु हो जाते हैं। जो लोग पार्टी के हित के लिए सोचते हैं उन्हें सुशील मोदी ने व्यक्तिगत निशाने पर रखा और इसका नतीजा यह हुआ कि पार्टी के कई बड़े नेता हाशिए पर चले गए। पत्र के मुताबिक सुशील मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने बॉडी गार्ड से ज्यादा कुछ नहीं समझा और जो लाेग इसमें फिट बैठे उन्हें संसद में भेज दिया गया।
जिस किसी ने अच्छी राह दिखानी चाही उसे प्रताड़ित कराया गया। पत्र में कहा गया है कि जिस समय सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री थे उस समय नीतीश कुमार का गुणगान करते थे और नरेंद्र मोदी का जब अपमान होता था तब च़ुपचाप रहते थे ताकि उप मुख्यमंत्री की कुर्सी सही सलामत रहे। पत्र में सुशील मोदी की कामकाज की शैली के अलावा कई बिंदुओं पर सवाल उठाए गए हैं। पत्र को लेकर भाजपा के कई नेताओं से बातचीत की गई लेकिन सबने अनभिज्ञता जाहिर की कि उनकी जानकारी में ऐसा कोई पत्र सामने नहीं आया है।