भास्कर ने सेमवार को यहां भाषा को बताया कि गत चार अप्रैल को बसपा से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने अपने समर्थकों से विचार-विमर्श के बाद भाजपा में शामिल होने का निर्णय किया है। अगर पार्टी ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में टिकट दिया तो वह औराई सीट से मैदान में उतरेंगे। उन्होंने कहा कि वह आगामी 14 मई को एक जनसभा में खुद के भाजपा में शामिल होने की औपचारिक घोषणा करेंगे। इस जनसभा में भाजपा के प्रान्तीय अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई तथा क्षेत्रीय सांसद वीरेन्द्र सिंह भी शिरकत करेंगे।
वर्ष 1993 में बनी सपा-बसपा समवेत सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके भास्कर ने बसपा प्रमुख मायावती की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के आदर्शों की कोरी बातें और राजनीति करने वाली बसपा मुखिया को पहले अपना मूल्यांकन करना चाहिए। बसपा के संस्थापक सदस्यों में शुमार भास्कर ने वर्ष 1996 में यह पार्टी छोड़कर सपा का दामन थाम लिया था और साल 2009 में वह फिर बसपा में शामिल हो गए थे।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    