पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां टीएमसी नेताओं और चुने गए प्रतिनिधियों को धमकी दे रही है कि वे भाजपा में जाएं या फिर चिट फंड घोटाला मामले में जेल का सामना करें। अब भाजपा नेता दिलीप घोष ने इसका जवाब देते हुए कहा कि टीएमसी आरोप लगा रही है कि उसके विधायकों को हमने बीजेपी जॉइन करने के बदले 2 करोड़ और एक पेट्रोल पंप की पेशकश की है। टीएमसी में ऐसा कोई विधायक नहीं है जो इतनी राशि का हकदार है। जनता को ये भी नहीं पता कि उनका विधायक कौन है? दिलीप घोष ने कहा कि वे ममता बनर्जी को चुनौती देते हैं कि अपने विधायकों को सामने लाएं जिन्हें ऐसा ऑफर किया गया है। घोष ने कहा, 'लोगों को तो ये भी पता नहीं कि उनके विधायक कौन हैं।'
ममता बनर्जी ने लगाए आरोप
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ने कोलकाता में शहीद दिवस रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी 26 जुलाई को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू करेगी, जिसमें भाजपा द्वारा काले धन को वापस लाने की मांग की जाएगी।बनर्जी ने कहा, "केंद्रीय एजेंसियां हमारे नेताओं और निर्वाचित प्रतिनिधियों को चिट फंड घोटालों की धमकी दे रही हैं, उन्हें भाजपा में जाने या जेल का सामना करने के लिए कह रही हैं।"
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर पैसों से टीएमसी विधायकों को लुभाने का आरोप लगाया। बनर्जी ने आरोप लगाया, "भाजपा हमारे विधायकों को स्विच करने के लिए 2 करोड़ रुपये और एक पेट्रोल पंप की पेशकश कर रही है ... कर्नाटक की तरह, भाजपा हर जगह खरीद-फरोख्त में लिप्त है।"
उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार "कामकाज के तरीके" को देखते हुए लगता है कि वह "दो साल से ज्यादा" नहीं टिकेगी। टीएमसी प्रमुख ने कहा, "संसद के सुचारू संचालन का श्रेय विपक्षी दलों को जाता है, सत्ता में रहने वालों को नहीं।"
ममता बनर्जी ने कहा, '2019 का लोकसभा चुनाव इतिहास नहीं बल्कि रहस्य है। लोकसभा चुनाव में ईवीएम, सीआरपीएफ और चुनाव का इस्तेमाल से उन्होंने (बीजेपी) चुनाव जीता। उन्हें केवल 18 सीटें मिली हैं। कुछ सीटें पाकर वे हमारी पार्टी के कार्यालयों पर कब्जा कर रहे हैं और हमारे लोगों को पीट रहे हैं। मैं चुनाव आयोग से अनुरोध करती हूं कि पंचायत और नगर निगम के चुनाव बैलट पेपर से कराए जाएं।'
ममता ने भाजपा पर लगाया ‘शहीद रैली’ को नाकाम करने का आरोप, घोष के खिलाफ एफआईआर
तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह रविवार को उनकी पार्टी की 'शहीद दिवस' की रैली को नाकाम करने की कोशिश कर रही है। वहीं कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस की रैली को विफल बनाने और धमकी देने के आरोप में टीएमसी ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
बनर्जी ने कहा, "मैंने सुना है कि रेलवे कल सामान्य ट्रेनों का परिचालन भाजपा के इशारे पर नहीं करेगा। मुझे जानकारी है कि वे केवल 30 प्रतिशत ट्रेनें ही चलाएंगे। यह सही नहीं है।" । उनकी पार्टी ने कहा कि भाजपा टीएमसी समर्थकों को रैली में भाग लेने के लिए शहर में आने से रोकने के लिए ऐसा कर रही है।
तैयारियों का जायजा लेने के लिए रैली स्थल पर जाने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए बनर्जी ने कहा कि हर पार्टी को रैलियों और कार्यक्रमों की मेजबानी करने का अधिकार है और इसे अलग नहीं किया जाना चाहिए।
ईवीएम पर निशाना
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने रैली से पहले एक बार फिर ईवीएम के मुद्दे को उठाया है। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के स्थान पर बैलट पेपर की ओर वापस लौटने की मांग की और कहा कि देश में लोकतंत्र को बचाने और चुनाव के दौरान काले धन के इस्तेमाल को रोकने के लिए चुनावी सुधार आवश्यक हैं।
उन्होंने कहा, "यह मत भूलो कि ईवीएम का इस्तेमाल पहले इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका में किया जाता था। लेकिन अब उन्होंने इनका इस्तेमाल बंद कर दिया है .... तो हम बैलट पेपर वापस क्यों नहीं ला सकते?"
रविवार की रैली के दौरान, ईवीएम और चुनाव सुधार जैसे मुद्दों पर प्रकाश डालने की उम्मीद है।
इससे पहले बनर्जी ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा था, "1995 के बाद से मैं चुनावी सुधारों की मांग कर रही हूं। अगर हम चुनावों में काले धन का इस्तेमाल रोकना चाहते हैं, तो लोकतंत्र को बचाएं और राजनीतिक दलों को पारदर्शिता बनाए रखने दें। आपको चुनावी सुधारों पर ध्यान देना चाहिए।"
टीएमसी प्रमुख ने पहले दावा किया था कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान कई करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
क्यों आयोजित होती है ये रैली?
बता दें कि टीएमसी हर साल 21 जुलाई को पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा शासन के दौरान 1993 में पुलिस गोलीबारी में मारे गए 13 युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की याद में रैली का आयोजन करती है। बनर्जी उस समय युवा कांग्रेस की नेता थीं।