लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान को संसद के बजट सत्र के लिए एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा गया था। लेकिन, वो शामिल नहीं हुए। दरअसल, चिराग को बुलाने का जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने विरोध किया है। जिसके बाद ऐसी संभावना है कि बीजेपी ने उन्हें आने से मना कर दिया। हालाकिं, लोजपा सूत्रों ने पहले हीं बताया था कि पासवान को बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है, लेकिन स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण वह इसमें शामिल नहीं हो पाएगें। इससे पहले भी लोजपा प्रमुख पहले एनडीए द्वारा आयोजित सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हो पाए थे।
संसदीय मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगियों की बैठक के लिए चिराग पासवान को आमंत्रित किया था। इससे ये स्पष्ट हुआ था कि बिहार चुनाव के दौरान उपजे तनाव के बावजूद भी एलजेपी बिहार गठबंधन से बाहर चलने के बावजूद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सदस्य बने हुए हैं। जेडीयू के प्रवक्ता के सी त्यागी ने एलजेपी को लेकर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वो चिराग पासवान की पार्टी को एनडीए का हिस्सा नहीं मानते हैं।
लोजपा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोध में राज्य में राजग से अलग होकर अकेले राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा था। इस घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में संसदीय मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी का पासवान को गठबंधन की बैठक के लिए आमंत्रित करना महत्व रखता है। लोजपा बिहार चुनाव में केवल एक सीट जीत पाई थी, लेकिन उसने जद(यू) को काफी नुकसान पहुंचाया था। जद(यू) की सीटों की संख्या 71 से गिरकर 43 रह गई थी, जिसके कारण कुमार की पार्टी ने पासवान की आलोचना की थी और इसके कुछ नेताओं ने सवाल किए थे कि क्या पासवान को केंद्र में राजग का अब भी हिस्सा बनाए रखना चाहिए।
जेडीयू के प्रवक्ता त्यागी ने कहा, " चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा था कि बिहार में एनडीए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम कर रहा है और इसमें वीआईपी और एचएएम शामिल हैं। इसलिए, हम लोजपा को एनडीए का हिस्सा नहीं मानते हैं।"