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अब राज्‍यों में लड़ेंगे भूमि अधिग्रहण की लड़ाई: राहुल गांधी

भूमि अधिग्रहण कानून के मुद्दे पर सरकार को झुकाने की विजय के तौर पर आयोजित किसान रैली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि मोदी अब राज्‍यों के जरिये भूमि अध्‍यादेश को लागू कराना चाहते हैं इसलिए अब यह लड़ाई अब राज्‍यों में लड़ी जाएगी। दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई इस रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी केंद्र सरकार पर खूब हमला बोला।
अब राज्‍यों में लड़ेंगे भूमि अधिग्रहण की लड़ाई: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा, कई लोगों ने मुझसे कहा कि मोदी सरकार हमारी जमीन, जो हमारी मां है हमसे छीन रही है। आप हमारी लड़ाई लड़िए। राहुल ने कहा, यह लड़ाई किसान के भविष्य की लड़ाई है, हक की लड़ाई है। राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम पर प्रहार करते हुए कहा कि यह मोदी जी का मेक इन इंडिया कार्यक्रम नहीं है बल्कि टेक इन इंडिया कार्यक्रम है। इसमें गरीब और किसानों के लिए कोई जगह नहीं है। सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नियत पर सवाल उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा, अब मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर दबाव बना रहे हैं कि वे अपने अपने राज्यों में भूमि अधिग्रहण अध्‍यादेश को लागू करें। इसलिए हम भूमि अधिग्रहण्‍ा की लड़ाई अब राज्यों में ले जाएंगे। भूमि विधेयक पर लड़ाई संसद तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसे विधानसभाओं में भी लड़ा जाना है। 

इस मौके पर कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने भी केंद्र सरकार जोरदार प्रहार किए। सरकार का लगातार विरोध करने के कारण भाजपा की ओर से कांग्रेस को विकास विरोधी करार दिए जाने का जवाब देते हुए सोनिया ने कहा, हम पर आरोप लगाने वाले ये लोग आजादी की लड़ाई के समय कहां थे। हम ऐसे विकास का विरोध करते रहेंगे जिसमें किसानों को पीछे छोड़ा जाएगा। हम ऐसा करने वाली सरकार के रास्ते की बाधा बनकर खड़े रहेगे।     

इस रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत सभी वरिष्ठ कांग्रेस नेता शामिल हुए। यह इस साल यह दूसरा मौका है, जब कांग्रेस ने भूमि अधिग्रहण और किसानों के मुद्दे पर दिल्‍ली में रैली की है। इसके पहले अप्रैल में रामलीला मैदान में ही किसानों के मुद्दे पर रैली की थी। पार्टी का मानना है कि संसद से लेकर सड़क तक हुए जोरदार विरोध के कारण ही सरकार को भूमि अधिग्रहण अध्‍यादेश पर अपने कदम वापस लेने पड़े। 

 

 

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