कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया है कि वह यह बताएं कि भारत का वित्त मंत्री कौन है? पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सोमवार को कहा कि पीएमओ की वेबसाइट पर वित्त मंत्री कोई और है तो वित्त मंत्रालय की वेबसाइट पर किसी और का नाम है। उन्होंने कहा कि जिस जेंटलमैन को पीएमओ की वेवसाइट पर बिना विभाग का बताया गया है वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग ले रहे हैं।
Who is Finance Minister of India? PMO's website says one thing, Finance Ministry website tells another story. The gentleman designated without portfolio on PMO website, is holding meetings via video conf. PM needs to tell country who is his Finance Minister:Manish Tewari,Congress pic.twitter.com/CUJ56M57UH
— ANI (@ANI) June 18, 2018
मनीष तिवारी ने देश की आर्थिक स्थिति को लेकर भी केंद्र सरकार पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी सरकार के पिछले 48 महीनों के कार्यकाल के दौरान के आर्थिक हालत पर जवाब देना चाहिए।
तिवारी ने आरोप लगाया कि इस सरकार ने पिछले आंकड़े इसलिए सार्वजनिक नहीं किए क्योंकि उससे यूपीए-2 सरकार के समय की अर्थव्यवस्था के बेहतर आंकड़े सामने आ जाते। उन्होंने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि दो करोड़ नौकरियों का वादा करके हर साल करीब ढाई लाख नौकरियां पैदा की गई और फिर अर्थव्यवस्था को दहाई अंकों में ले जाने की बात की जाती है। उन्होंने कहा कि 2009 की वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान यूपीए-2 सरकार ने दस लाख नौकरियां पैदा की थी। मालूम हो कि रविवार को नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री जी ने सभी मुख्यमंत्रियों से कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था को दहाई अंकों में ले जाने की जरूरत है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि क्या वह यह बताएंगे कि आपके वित्त मंत्री कौन हैं। उन्होंने कहा कि वह यह सवाल इस लिए पूछ रहे हैं क्योंकि पीएमओ की वेबसाइट पर कोई और तथा वित्त मंत्रालय की वेबसाइट पर कोई और नाम लिखा हुआ है।
तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी से हम पूछना चाहते हैं की क्या ये सही नहीं है कि 2014-18 के बीच भारतीय बैंकों ने 3,2,765 करोड़ रुपये के क़र्ज बट्टे खाते में डाले? उन्होंने कहा कि 13 हजार करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी नीरव मोदी पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है और से दुनिया भर में घूमने दिया जा रहा है। नीरव मोदी की का केस मोदी सरकार की विफलता का केवल एक लक्षण है।