कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, सर्वप्रथम, क्या प्रधानमंत्री अपनी शैक्षणिक योग्यता पर सफाई देंगे, बाकी आक्षेपों पर तब जवाब दिया जाएगा। यह दावा करते हुए कि ऐसा जान पड़ता है कि प्रधानमंत्री का बड़ा चुनिंदा पैमाना है, उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस की बात आती है तो यह स्पष्ट रूप से बदले की भावना और पीछे पड़ जाने जैसा होता है। उन्होंने कहा, लेकिन ये सारे मापदंड शिवराज सिंह चौहान और व्यापम पर लागू होते हुए नहीं जान पड़ते हैं। ऐसा नहीं जान पड़ता है कि ये राजस्थान की मुख्यमंत्री और ललित मोदी के साथ संबंध पर लागू होते हैं। ये छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और पीडीएस घोटाले में उस सरकार की संलिप्तता पर लागू होते हुए नहीं जान पड़ते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की पूरी मंशा इशारों, अर्धसत्यों और एकदम भूठों का इस्तेमाल कर संशय का माहौल पैदा करने की कोशिश करना है। मोदी ने तमिलनाडु में एक चुनावी सभा में इस अगस्तावेस्टलेंड सौदे को चोरी बताया था और कहा था कि दोषी नहीं बख्शे जायेंगे। यहां कांग्रेस ब्रीफिंग में तिवारी से कहा गया कि वह प्रधानमंत्री की डिग्री के बारे में आरटीआई आवेदन और कांग्रेस अध्यक्ष के धर्म के बारे में आरटीआई आवेदन की तुलना किस रूप में करते हैं। तब यह कहा गया था कि यह निजी सूचना है और कांग्रेस ने आरटीआई के फैसले को सही ठहराया था। उन्होंने कहा, बिल्कुल तुलना नहीं है क्योंकि आप वाकई सेब और नाशपाती की तुलना करने की कोशिश कर रहे हैं। यहां एक चुनावी हलफनामा है, कुछ निश्चित कथन और अभिकथन हैं जो प्रधानमंत्री ने किए हैं।
कांग्रेस का मोदी पर हमला, शैक्षणिक डिग्री के मुद्दे पर सफाई मांगी
कांग्रेस ने अगस्तावेस्टलैंड सौदे में सोनिया गांधी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हमले को खारिज कर दिया और उनसे पहले अपनी शैक्षणिक योग्यताओं पर सफाई देने की मांग की जिस पर विवाद खड़ा हो गया है।
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