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चिट्ठी विवाद के बाद कांग्रेस में बड़ा संगठनात्मक फेरबदल, गुलाम नबी आजाद कांग्रेस महासचिव पद से हटाए गए

 कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार देर सांय पार्टी की वर्किंग कमेटी में बड़े...
चिट्ठी विवाद के बाद कांग्रेस में बड़ा संगठनात्मक फेरबदल, गुलाम नबी आजाद कांग्रेस महासचिव पद से हटाए गए

 कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार देर सांय पार्टी की वर्किंग कमेटी में बड़े बदलाव करते हुए महासचिव पद से गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी, मल्लिकार्जुन खड़गे और लुइजिन्हो फैलेरियो जैसे वरिष्ठ नेताओं को हटा दिया गया है। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का महासचिव का पद देकर कर्नाटक का प्रभारी बनाया गया है। महासचिव हरीश रावत को भी पंजाब का प्रभारी बना अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। सोनिया गांधी अभी अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि अगले साल की शुरुआत में पंजाब या छत्तीसगढ़ में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सत्र होगा। इसमें राहुल गांधी को दोबारा अध्यक्ष चुना जाना तय है।

महासचिव पद से हटाए जाने वाले गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने सोनिया को चिट्ठी लिखी थी। माना जा रहा है कि ये बदलाव राहुल की अध्यक्ष पद की ताजपोशी का रास्ता साफ करने के लिए किए गए हैं, क्योंकि चिट्ठी लिखने वाले 23 नेता ही शीर्ष नेर्तत्व में बदलाव चाहते थे। 7 अगस्त को लिखी गई चिट्‌ठी में पूर्णकालिक नेता की मांग की गई थी। कांग्रेस के सूत्रों बताते हैं कि पूर्णकालाकि नेता जैसे शब्दों का इस्तेमाल इस तरफ इशारा कर रहा था कि कांग्रेस का एक गुट दोबारा राहुल गांधी की ताजपोशी नहीं चाहता था।

सबसे बड़ा झटका आजाद को: सबसे बड़ा झटका गुलाम नबी आजाद को लगा है। वे राज्यसभा में अभी विपक्ष के नेता हैं। पिछली बार सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में राहुल गांधी के एक कथित बयान का विरोध करने वालों में गुलाम नबी सबसे आगे थे। माना जा रहा है कि उन्हें अब राज्यसभा का दोबारा टिकट मिल पाना भी मुश्किल है।

सोनिया को मदद करने वाली संचालन समिति में 6 नेता, अनुभव को तरजीह:
सोनिया ने पार्टी में नेतृत्व में बदलाव के लिए एक कमेटी का गठन करने का सुझाव दिया था। इस आधार पर 6 लोगों की कमेटी बनाई गई है। इसे संचालन समिति कहा जा रहा है। माना जा रहा है कि यही कमेटी अब राहुल गांधी की ताजपोशी और पार्टी संगठन में नए बदलावों का रास्ता साफ करेगी। इस कमेटी में पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, सोनिया गांधी के सबसे भरोसेमंद अहमद पटेल, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और मुकुल वासनिक को शामिल किया गया है। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को सबसे बड़ा प्रमोशन मिला है। वे भी इस कमेटी में शामिल िकए गए हैं। उम्र की वजह से महासचिव पद से हटाई गईं अंबिका सोनी को इस कमेटी में जगह मिली है।

उम्र की वजह से हटाए गए ये 4 नेता:

मोतीलाल वोरा: ये गांधी परिवार के सबसे भरोसमंद नेताओं में से एक हैं। लंबे समय तक पार्टी के कोषाध्यक्ष रहे हैं। अब 92 साल के हो गए हैं।

अंबिका सोनी: केंद्रीय मंत्री रही हैं। सोनिया गांधी की भरोसेमंद रही हैं। 77 साल उम्र हो चुकी है।

मल्लिकार्जुन खड़गे: पिछली लोकसभा में कांग्रेस के नेता रहे। 2019 में चुनाव हार गए। 78 साल के हो चुके हैं। 

लुईजिन्हो फलेरियो: गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं। 69 साल उम्र है।

 

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