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2019 में कांग्रेस समान विचारधारा वाले दलों के साथ करेगी गठबंधन

कांग्रेस 2019 के आम चुनाव में लोकसभा चुनावों में समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन करेगी। यह खुलासा...
2019 में कांग्रेस समान विचारधारा वाले दलों के साथ करेगी गठबंधन

कांग्रेस 2019 के आम चुनाव में लोकसभा चुनावों में समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन करेगी। यह खुलासा पार्टी के महाधिवेशन में पेश किए गए राजनीतिक प्रस्ताव में किया गया है।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मलिल्कार्जुन खड़गे द्वारा पेश किए गए इस प्रस्ताव को अहम माना जा रहा है। इसमें कहा गया है कि कांग्रेस  वह सभी समान विचारधारा वाले दलों के साथ सहयोग करने के लिए 'साझा व्यावहारिक कार्य प्रणाली विकसित ' करेगी। प्रस्ताव में कहा गया, 'आज हमारे संवैधानिक मूल्यों की बुनियाद पर खतरा पैदा हो गया है। हमारी आजादी खतरे में है। हमारे संस्थानों पर भारी दबाव है और उनकी आजादी से समझौता हो रहा है। हमें अपने गणराज्य को हर कीमत पर बचाना होगा।‘

प्रस्ताव में कहा है, 'हमारे संवैधानिक के मूल चरित्र की रक्षा के लिए जिस प्रकार के बलिदान की जरूरत होगी, उसे देने के लिए कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से तैयार है। हम भाजपा राज के दौरान पतन के कगार पर पहुंच चुकी इस राजनीति की सफाई करेंगे, जो भारत के लोगों से की गयी अपनी प्रतिबद्धताओं को निभाने में नाकाम रही है।'

कांग्रेस के राजनीतिक प्रस्ताव में लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के एक साथ चुनाव के प्रस्ताव को  भाजपा की चाल  बताते हुए इसे गलत बताया गया है। साथ ही इसके लिए राष्ट्रीय सहमति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है। कांग्रेस का कहना है कि एक साथ चुनाव करवाये जाने के गंभीर परिणाम होंगे। पार्टी ने प्रस्ताव में चुनाव प्रक्रिया को लेकर भी कुछ आशंकाएं जताई है। इसमें कहा गया कि जनमत के विपरीत परिणामों में हेरा-फेरी करने के लिए ईवीएम के दुरूपयोग को लेकर राजनीतिक दलों एवं आम लोगों के मन में भारी आशंका है।

फिर बैलेट पेपर से मतदान करवाए चुनाव आयोग

खड़गे ने कहा, चुनावी प्रक्रिया में विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए बैलेट पेपर को दोबारा से वापस लाना चाहिए. उन्होंने कांग्रेस के संकल्प पर बोलते हुए कहा कि चुनाव आयोग को दुनिया के प्रमुख लोकतंत्रों की तरह भारत में भी बैलेट पेपर के द्वारा चुनाव करवाना चाहिए, ताकि चुनाव को लेकर लोगों में विश्वास बना रहे।


पार्टी ने न्यायिक प्रणाली में तुरंत सुधारों की जरूरत पर भी बल दिया है।  प्रस्ताव में दलबदल को लेकर भी चिंता जतायी गयी हैं। इसमें कहा गया है कि पार्टी राजनीतिक स्थिरता कायम करने के लिए धनबल के खुलेआम दुरूपयोग पर रोक लगाकर दल बदलुओं को छह साल के लिए किसी भी चुनाव से लड़ने से वंचित करेगी।  प्रस्ताव में महिला सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, आरएसएस, भाजपा, भ्रष्टाचार, आतंरिक और बाहरी सुरक्षा जैसे मुद्दे पर भी प्रकाश डाला गया है।

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