तमिलनाडु राज्यपाल आरएन रवि द्वारा राज्य के मंत्री वी सेंथिल बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के आदेश पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने शुक्रवार को निशाना साधा। मनीष तिवारी ने राष्ट्रपति से तमिलनाडु के राज्यपाल को पद से हटाने की मांग की। आपको बता दें कि राज्यपाल ने बाद में वी सेंथिल बालाजी वाले अपने निर्णय को स्थगित कर दिया था।
सबसे पहले, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से परामर्श किए बिना मंत्री वी सेंथिल बालाजी को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया। फिर, उन्होंने जेल में बंद डीएमके नेता के बर्खास्तगी आदेश को फिलहाल स्थगित रखने का फैसला किया है। सूत्रों ने बताया, "तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने मंत्री वी सेंथिल बालाजी की बर्खास्तगी के आदेश को स्थगित रखा। वह इस मामले पर अटॉर्नी जनरल से सलाह लेंगे।"
इस पर एएनआई से बात करते हुए मनीष तिवारी ने कहा, "राष्ट्रपति को जल्द से जल्द तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को हटा देना चाहिए। एक राज्यपाल, जिन्हें अपनी सीमाएं तक नहीं पता हैं। उन्हें इस तरह का असंवैधानिक कदम नहीं उठाना चाहिए था। इससे स्पष्ट होता है कि उन्हें संविधान की समझ और अपनी जिम्मेदारियों का एहसास नहीं है।"
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा था, "राज्यपाल के पास मंत्री को पद से हटाने का अधिकार नहीं है। हम कानूनी तौर पर इससे लड़ेंगे।" एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राजभवन ने कहा था, "मंत्री वी सेंथिल बालाजी नौकरियों के लिए नकद लेने और मनी लॉन्ड्रिंग सहित भ्रष्टाचार के कई मामलों में गंभीर आपराधिक कार्यवाही का सामना कर रहे हैं...इसके तहत राज्यपाल ने उन्हें तत्काल प्रभाव से मंत्री पद से बर्खास्त किया है।"
बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय ने 14 जून को नौकरी के बदले नकदी घोटाले में गिरफ्तार किया था। बाद में सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें चेन्नई के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्हें 15 जून को मद्रास उच्च न्यायालय ने उनकी पसंद के निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की अनुमति दी थी।