महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर स्थिति अब साफ होती नजर आ रही है। सूत्रों के अनुसार शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने पर कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) राजी हो गई है। इसे लेकर शुक्रवार तक ऐलान किया जा सकता है। दोनों दलों के नेता सरकार बनाने पर विचार-विमर्श को अंतिम रूप देने के लिए आखिरी दौर की वार्ता कर रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति ने आज चर्चा की और निर्णय लिया कि आगे क्या कदम उठाने की आवश्यकता है। पार्टी अब बैठक में निर्णय के अनुसार कदम उठाएगी। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख बालासाहेब थोराट ने बताया, “यदि हमें पांच वर्षों तक एक साथ सरकार चलाना है तो ऐसे कई बिंदु हैं जिन पर हमें स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। चर्चाएं आगे बढ़ रही हैं। हम आज मुंबई जाएंगे।”
कल तक फैसला संभव
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, “हमने सीडब्ल्यूसी के सदस्यों को महाराष्ट्र की नवीनतम राजनीतिक स्थिति से अवगत कराया। आज कांग्रेस-एनसीपी की चर्चा जारी रहेगी। मुझे लगता है, कल मुंबई में शायद हमारा फैसला होगा।”
वहीं शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह 1 दिसंबर से पहले पूरा हो जाएगा। सभी तीनों पार्टियां मुंबई में बैठक करेंगी।
कांग्रेस-एनसीपी नेताओं की शुक्रवार को मुंबई में शिवसेना नेतृत्व के साथ बैठक होने वाली है, जिसके बाद सरकार बनाने से जुड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। चव्हाण ने बुधवार को कहा, "हमने आज बैठक में कई मुद्दों को हल किया और शिवसेना नेतृत्व फोन के माध्यम से हमारे संपर्क में था। हम गुरुवार को बैठक जारी रखेंगे। पहले कांग्रेस और एनसीपी अलग-अलग बैठक करेंगे और फिर दोपहर में एक संयुक्त बैठक करेंगे। जिसके बाद हम शाम को मुंबई के लिए रवाना होंगे। जहां शिवसेना के साथ कांग्रेस और एनसीपी की बैठक होगी, जिसके बाद घोषणा होगी।"
कल शरद पवार से मिले थे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
बुधवार की शाम को अहमद पटेल, जयराम रमेश और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात के बारे में जानकारी दी। गांधी को ब्रीफ करने के बाद तीनों कांग्रेसी नेता फिर से एनसीपी प्रमुख शरद पवार के निवास पर लौट आए।
शिवसेना के साथ फोन पर हुई बात
सूत्रों ने कहा कि बुधवार की बैठक के दौरान, कांग्रेस और एनसीपी नेताओं ने भी फोन पर शिवसेना नेतृत्व के साथ बातचीत की और सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।
इस समझौते पर बनी बात...
सूत्रों ने यह भी कहा कि गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री सीट के लिए शिवसेना और एनसीपी के बीच 2.5-2.5 साल के एक साझा फार्मूले को मंजूरी दी गई है, जबकि कांग्रेस को डिप्टी सीएम की कुर्सी दी जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष पद किसी शिवसेना या एनसीपी से दिए जाने की संभावना है।
राष्ट्रपति शासन के अधीन महाराष्ट्र
गौरतलब है कि राज्य में किसी भी पार्टी के द्वारा निर्धारित समय में सरकार बनाने में नाकाम रहने के बाद महाराष्ट्र राष्ट्रपति शासन के अधीन आ गया। भाजपा यहां बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी लेकिन सहयोगी शिवसेना की ओर से मुख्यमंत्री पद और मंत्रिमंडल के बराबर के बंटवारे की मांग के बाद सरकार बनाने का दावा नहीं की। सरकार बनाने के तरीके तलाशने के लिए ही शिवसेना ने बीजेपी से अपने रास्ते अलग किए। हालांकि, वह भी राज्यपाल बीएस कोश्यारी द्वारा दिए गए समय में विधायकों की आवश्यक संख्या के समर्थन को साबित करने में विफल रही। राज्यपाल ने तब तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी को आमंत्रित किया था, वह भी सरकार बनाने के लिए अपनी क्षमता साबित करने में नाकाम रही तब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
शिवसेना अब राज्य में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और एनसीपी के साथ बातचीत कर रही है। 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 105 सीटें जीतीं, उसके बाद शिवसेना ने 56, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44।