वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को साल 2020-21 ले लिए बजट पेश करेंगी। उससे पहले आज यानी सोमवार को कांग्रेस पार्टी बजट के मुद्दे पर बैठक करने जा रही है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा करेंगी। माना जा रहा है कि कांग्रेस इसी मुद्दे पर विपक्षी दलों की भी एक बैठक बुला सकती है।
इस बैठक में सोनिया गांधी के अलावा देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी. केसी वेणुगोपाल सहित अन्य कई सांसद भी शामिल होंगे। यह बैठक सोनिया गांधी के आवास पर देर शाम बुलाई गई है।
‘इस बैठक का एजेंडा बजट सत्र है’
संसद के बजट सत्र के मद्देनजर कांग्रेस पिछले कुछ दिनों से अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी से जुड़े मुद्दे प्रमुखता से उठा रही है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस बैठक का एजेंडा बजट सत्र है। उन्होंने यह कहा कि सरकार द्वारा लाए जाने वाले बजट पर हमें एक रणनीति बनाने की आवश्यकता है। साथ ही कहा कि डाटा प्रोटेक्शन, डीएनए जैसे कई महत्वपूर्ण बिल लंबित है।
सीएए-एनपीआर- एनआरसी को लेकर हुई विपक्षी दलों की बैठक से दूर रही थी ये पार्टी
बता दें कि कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल सीएए और एनपीआर के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधने में लगे हैं। हालांकि, सीएए (संशोधित नागरिकता कानून), एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) पर हुई विपक्षी दलों की बैठक से द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी जैसे दल दूर रहे थे। लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि बजट सत्र में सभी विपक्षी दल मिलकर सरकार को निशाने पर लेंगे।
देश की मौजूदा हालात पर भी होगी चर्चा
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि इस बैठक में सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर देश के मौजूदा हालात पर भी इस बैठक में चर्चा होगी। नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी पर रुख तय करने के लिए कुछ दिन पहले हुई विपक्षी दलों की बैठक से डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, सपा और बसपा दूर रहे थे। हालांकि, कांग्रेस को उम्मीद है कि बजट सत्र में सभी विपक्षी दल एकसाथ मिलकर सरकार को घेरेंगे।
‘विपक्ष के तौर पर अपनी जिम्मेदारियां निभा रही है कांग्रेस’
कांग्रेस का कहना है कि वह विपक्ष के तौर पर अपनी जिम्मेदारियां निभा रही है। हम विधायी कार्य में बाधा नहीं डालेंगे, लेकिन अर्थव्यवस्था, महंगाई कृषि संकट और सीएए को लेकर बहस की मांग करेंगे। पार्टी संसद में जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर की स्थिति पर भी संसद के बजट सत्र में चर्चा की मांग करेगी।