गौरतलब है कि हाल ही में भारत और फ्रांस के बीच राफेल सौदा हुआ है, जिसमें मोदी सरकार ने फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि यूपीए शासनकाल में 126 राफेल एयरक्राफ्ट खरीदने की तैयारी थी, जिससे कि एयरफोर्स को ज्यादा मजबूत किया जा सके। पूर्व रक्षा मंत्री साथ ही एंटनी ने कहा किक अब जो डील हुई है उससे मेक इन इंडिया ही गायब हो गया। भारत और फ्रांस के बीच राफेल डील हुई है। यह डील 7.88 अरब यूरो (करीब 58 हजार 853 करोड़ रुपये) की है। इसके तहत भारत को फ्रांस से 36 राफेल लडाकू विमान मिलेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इस डील में मोदी सरकार ने करीब 75 करोड़ यूरो (करीब 5601 करोड रुपये) की बचत की है।
वहीं एंटनी का इस बारे में कहना है कि यूपीए शासनकाल में इस डील पर कीमतों को लेकर बात हो रही थी। साथ ही एंटनी ने कहा कि ऐसे में यूपीए से कीमतों की तुलना ही गलत है। एंटनी ने कहा कि सरकार को फाइनल कॉन्ट्रैक्ट का डिटेल सामने लाना चाहिए तभी कीमतों पर टिप्पणी की जा सकती है। पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि जब यूपीए सरकार ने पदभार छोड़ा उस समय एमएमआरसीए कार्यक्रम है जिसको इस सरकार ने शायद रद्द ही कर दिया, उसकी कीमतों को लेकर बातचीत चल रही थी। उस समय कई लोगों ने पूर्व रक्षा मंत्री को खत भी लिखे कि ये जो कीमत है अत्यधिक है और खत लिखने वालों में पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा भी थे।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    