प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को यह ऐलान किया कि वैक्सीनेशन की रफ्तार को और तेज किया जाएगा और राज्यों के वैक्सीनेशन पर खर्च को भी केन्द्र सरकार उठाएगी। इस बीच, कांग्रेस ने वैक्सीनेशन की नई पॉलिसी पर ही सवाल किए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने 16 जनवरी से अब तक तीन बार वैक्सीनेशन पॉलिसी बदली है। साथ ही आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने देश में पहले के टीकाकरण के कार्यक्रमों के बारे में टिप्पणी करके पूर्व में चुनी हुई सरकारों और वैज्ञानिकों का अपमान किया है।
पहले के टीकाकरण कार्यक्रमों के संदर्भ में की गई प्रधानमंत्री की टिप्पणी का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने कहा, ‘‘आज आपने टीका बनाने वाले वैज्ञानिकों और पूर्व में की चुनी हुई सरकारों को अपमानित किया है। देश 1970 में चेचक से मुक्त हो गया था। देश 2011 में पोलियो से मुक्त हो गया। हैजा और कई दूसरी बीमारियों से पहले ही मुक्ति पा ली गई थी।इस दौरान कांग्रेस की सरकारें थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने पिछले कई महीनों में बार बार यह मांग रखी कि 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को मुफ्त टीका लगना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार ने इसे इनकार कर दिया। फिर उच्चतम न्यायालय ने मोदी जी और उनकी सरकार को कटघरे में खड़ा किया।’
कांग्रेस प्रवक्ता ने केन्द्र सरकार से सवाल किया कि क्यों सिर्फ 75 फीसदी वैक्सीन की खरीद की गई जबकि 25 फीसदी वैक्सीन प्राइवेट सेक्टर के हाथों में छोड़कर लोगों को लूटने के लिए छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि छह महीने में तीन बार टीकाकरण की नीति को बदलकर लाखों लोगों को संक्रमित होने के लिए क्या पीएम को जिम्मेवार नहीं ठहराया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि -अब तक हिन्दुस्तान सरकार वैक्सीन का 50 फीसदी खरीदती आई। अब 50 की जगह 75 फीसदी खरीदेगी। 25 फीसदी प्राइवेट सेक्टर खरीदेगा। यानी, वेतनभोगी और कारोबारियों के लिए भारत बायोटेक की 1200 प्लस 1200 और 150 प्लस 150 यानी 2700 देना पड़ेगा। सीरम इंस्टीट्यूट की 800 प्लस 800 डोज और 300 रुपये सर्विस टैक्स देना पड़ेगा। क्या छोटे-छोटे काम करने वाले क्या देश के नागरिक नहीं है।
सुरजेवाला ने कहा कि अगर एक घर में छह लोगों है तो उसे भारत वायोटैक की वैक्सीन की दोनों डोज पर साढ़े सोलह हजार रुपये खर्च करने पड़ेगे। उन्होंने कहा कि आम लोगों पर इस तरह की ज्यादती क्यों। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और कुछ लोगों का ये कहना है कि 31 दिसंबर तक 100 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगा दी जाएगी लेकिन अगर सरकार सिर्फ 75 फीसदी वैक्सीन खरीदेगी तब कैसे दिसंबर तक 100 करोड़ लोगों को वैक्सीन की 200 करोड़ डोज लग जाएगी।