इराक के मोसुल में 39 भारतीयों की हत्या के मामले को लेकर कांग्रेस आज एक बार फिर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर हमलावर है। अब पार्टी ने आरोप लगाया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद एवं देश को गुमराह किया है। इसलिए पार्टी सुषमा के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएगी।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने अपने बयान में सुषमा स्वराज पर निशाना साधते हुए कहा कि हम 39 भारतीयों के परिवारों को गुमराह करने के लिए विदेश मंत्री के खिलाफ सदन में विशेषाधिकार प्रस्ताव लाएंगे।
We are going to bring a Privilege Motion against the External Affairs Minister for misleading the families of the 39 Indians as well as the House: Ambika Soni, senior Congress leader on 39 Indians killed in Iraq's #Mosul pic.twitter.com/2PgTBp2YRy
— ANI (@ANI) March 22, 2018
वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह डुल्लो ने भी संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि विदेश मंत्री ने चार साल तक आतंकवादी संगठन आईएस द्वारा बंधक बनाए गए भारतीयों के बारे में सही सूचना नहीं दी और संसद तथा पीड़ति परिवारों के सदस्यों को गुमराह किया है इसलिए स्वराज के खिलाफ पहले राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया जाएगा।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि 39 भारतीयों की मौत पर सरकार का झूठ पकड़ा गया है। इसी वजह से वह मुद्दे को भटकाने के लिए डेटा लीक का मुद्दा उछाल रही है।
Problem: 39 Indians dead; Govt on the mat, caught lying.
Solution: Invent story on Congress & Data Theft.
Result: Media networks bite bait; 39 Indians vanish from radar.
Problem solved.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 22, 2018
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को राज्यसभा में इराक में बंधक बनाए गए 39 भारतीयों की मौत की पुष्टि की थी। सुषमा ने इसके बाद लोकसभा में भी बयान दिया, लेकिन कांग्रेस के हंगामे के चलते उन्हें भाषण पूरा किए बिना ही बैठना पड़ा। कांग्रेस लगातार इस घटना को लेकर सरकार पर सवाल उठा रही है।
कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने विदेश मंत्री के बयान के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सुषमा स्वराज पीड़ित परिवारों से जाकर मिलें और सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें। अंबिका सोनी ने कहा, 'सुषमा स्वराज पीड़ित परिवारों को बताएं कि उन्होंने क्यों परिवारों को अंधेरे में रखा जबकि उनके पास कोई ठोक जानकारी नहीं थी।'