दिल्ली में आप से गठबंधन को लेकर अब कांग्रेस दो गुटों में बंटती नजर आ रही है। दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ने के फैसले के बाद कांग्रेस फिर से गठबंधन करने पर विचार कर रही है। दिल्ली के प्रभारी पी सी चाको ने कहा है कि गठबंधन की संभावनाओं को लेकर विचार चल रहा है। इस पर जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी फैसला लेंगे। वहीं, शीला दीक्षित खेमा गठबंधन के विरोध में खड़ा नजर आ रहा है।
कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पी सी चाको ने कहा, ‘आप के साथ गठबंधन की संभावनाओं को लेकर मैं दिल्ली में कांग्रेस नेताओं से विचार-विमर्श कर रहा हूं।’ उन्होंने कहा, ‘लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस कार्य समिति ने देशभर में समान विचारधारा वाले दलों से गठबंधन करने का फैसला किया है।’
'भाजपा को हराने के लिए जरूरी है गठबंधन'
दिल्ली प्रभारी चाको ने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि दिल्ली कांग्रेस के नेता भी इस भावना को समझेंगे और आप के साथ गठबंधन का फैसला करेंगे। लेकिन अंतिम फैसला जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष लेंगे।’ उन्होंने कहा कि दिल्ली में कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को लगता है कि भाजपा को हराना पार्टी की तात्कालिक आवश्यकता है और इसके लिए आप के साथ गठबंधन किया जाना चाहिए।
चाको ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि दिल्ली के हमारे नेताओं को भी कांग्रेस कार्य समिति की नीति का पालन करना चाहिए। मैं उनसे बात कर रहा हूं और इस बारे में उन्हें मनाने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन अगर वे अब भी गठबंधन का फैसला नहीं करते तो यह उन पर निर्भर है।
शीला दीक्षित ने गठबंधन से बताया नुकसान
इससे पहले गठबंधन के मुद्दे पर दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित की राय चाको से अलग है। शीला दीक्षित साप कर चुकी हैं कि दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आप के साथ गठबंधन करना पार्टी के हित में नहीं होगा। इस बारे में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र भी लिखा है।
वहीं, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सभी सीटों पर अपने सातों उम्मीदवार उतार दिए हैं और चुनाव अभियान शुरू कर दिया। दिल्ली में लोकसभा चुनाव 12 मई को होगा।