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कांग्रेस ने किसानों के आंदोलन का किया समर्थन, कहा- 'सभी उचित मांगें पूरी करे सरकार'

एमएसपी या न्यूनतम समर्थन मूल्य पर केंद्र सरकार के साथ असहमति बनने के बाद आज फिर से हजारों किसान दिल्ली...
कांग्रेस ने किसानों के आंदोलन का किया समर्थन, कहा- 'सभी उचित मांगें पूरी करे सरकार'

एमएसपी या न्यूनतम समर्थन मूल्य पर केंद्र सरकार के साथ असहमति बनने के बाद आज फिर से हजारों किसान दिल्ली कूच के लिए तैयार हैं। इस बीच जहां भाजपा शांति बनाने की मांग करती दिख रही है। वहीं, कांग्रेस ने किसानों को समर्थन करने की बात कही। पार्टी अध्यक्ष खड़गे ने लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का वादा भी किया। 

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कहते हैं, "हम उनका (किसानों) समर्थन कर रहे हैं। हम खुले तौर पर कह रहे हैं कि उनकी उचित मांगें पूरी होनी चाहिए। हम अपने चुनाव घोषणापत्र में भी यह कहने जा रहे हैं कि कानूनी गारंटी दी जाएगी। सभी फसलों को कवर नहीं किया जा सकता है लेकिन आवश्यक फसलों को (एमएसपी प्रदान) किया जाना चाहिए।"

इससे पहले भाजपा ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने एक बार फिर आंदोलनकारी किसानों के साथ बातचीत का प्रस्ताव दिया है और उनसे "शांतिपूर्वक" समाधान पर पहुंचने की अपील की है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के लिए "बहुत काम" किया है।

प्रसाद ने कहा, "आज भी, अर्जुन मुंडा ने (प्रदर्शनकारी किसानों के साथ) चर्चा का वादा किया है। (उनके मुद्दों का) कोई भी समाधान बातचीत और चर्चा से निकलेगा। सरकार किसानों के साथ चर्चा के लिए तैयार है। हम अपील करते हैं कि समाधान शांतिपूर्ण तरीके से निकलना चाहिए। हमारी सरकार ने किसानों के लिए बहुत काम किया है। किसानों की प्रगति हमारी प्राथमिकता है और आगे भी रहेगी।"

बुधवार को पंजाब और हरियाणा में शंभू सीमा बिंदु पर कुछ युवा किसान बहुस्तरीय बैरिकेड्स की ओर बढ़ रहे थे, जिसके बाद हरियाणा सुरक्षा कर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे गए। सुबह करीब 11 बजे हरियाणा पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद, युवा किसान छिपने के लिए भागे।

पंजाब और हरियाणा के बीच दो सीमा बिंदुओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान बुधवार को अपना "दिल्ली चलो" मार्च फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल के लिए एमएसपी पर दालें, मक्का और कपास की खरीद के भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। किसान सभी फसलों पर एमएसपी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं। 

फिलहाल, हजारों किसान दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर डटे हैं और आज ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ दिल्ली की ओर रवाना होंगे। हालांकि, उन्हें रोकने के लिए प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी है। हरियाणा में ही नहीं, दिल्ली की सीमाएं भी छावनी में बदली हैं। 

दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन को लेकर चप्पे-चप्पे पर अपनी नजर बनाई हुई है। वहीं, किसानों के आज बुधवार को दिल्ली मार्च के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों से शांति की अपील की है। दरअसल, पंजाब के हजारों किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली चलो मार्च शुरू किया था। 

इस मार्च को फिलहाल हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर ही रोक दिया गया है। पुलिस-सुरक्षाबलों की तरफ से ‘दिल्ली चलो’ मार्च को रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारी किसान अभी पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर डटे हैं। सरकार का अनुमान है कि सीमा पर करीब 14 हजार किसान हैं।

13 फरवरी को जब किसानों ने दिल्ली मार्च शुरू किया था, तब पंजाब-हरियाणा के अलग-अलग बॉर्डरों पर प्रदर्शनकारी किसानों की पुलिस बलों के साथ झड़प हुई थी। सोमवार को ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन में भाग ले रहे किसान नेताओं ने सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल तक ‘दाल, मक्का और कपास’ की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किए जाने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा था कि यह किसानों के हित में नहीं है और उन्होंने आज यानी बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी कूच करने की घोषणा की।

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