राफेल डील को लेकर मामला गरमाता जा रहा है। 2019 के आम चुनाव से पहले कांग्रेस राफेल डील के खिलाफ मुहिम तेज करने जा रही है। इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाने के लिए कांग्रेस ने रणनीति तैयार की है जिसके तहत सौ शहरों में 25 अगस्त से प्रेस कांफ्रेस कर राफेल डील में कथित भ्रष्टाचार के बारे में बताएगी।
राफेल डील को लेकर सरकार और विपक्ष आरोप-प्रत्यारोप के बीच आमने-सामने हैं। कांग्रेस इस मुद्दे को लगातार जोर शोर से उठाती रही है। यह मामला संसद से लेकर सड़क तक खासा गरमाया। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार ने राफेल लड़ाकू विमान की डील में घोटाला किया है तथा इसके लिए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस इसकी जांच संयुक्त संसदीय कमेटी से कराने की मांग भी लगातार कर रही है।
कराएगी विरोध दर्ज
कांग्रेस ने इस घोटाले को जन-जन तक पहुंचाने का फैसला किया है जिसके तहत दो चरणों में 25 अगस्त से देश के 100 शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर केंद्र सरकार के इस सौदे के खिलाफ कांग्रेस अपना विरोध दर्ज कराएगी। कांग्रेस का मानना है कि जनता को इसके पीछे का सच जानने की उत्सुकता है।
जेपीसी के लिए बनाएगी दबाव
राफेल डील कथित धांधली का आरोप लगाते हुए बुधवार को कांग्रेस ने भाजपा पर हमला तेज करके हुए कहा कि वह इस मुद्दे की जेपीसी जांच की मांग पर दबाव बनाने के लिए सड़कों पर उतरेगी। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह ने कहा कि हम जेपीसी से पारदर्शी, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच के लिए दबाव बनाएंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी इस घोटाले को बेनकाब करने के लिए पूरे देश में आंदोलन चलाएगी।
यह है आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि राफेल डील से सरकारी खजाने को 41,205 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा क्योंकि यूपीए सरकार के समय 526.10 करोड़ रुपये प्रति राफेल की तुलना में एनडीए सरकार में 1670.70 करोड़ रुपये प्रति राफेल की दर से 36 राफेल की खरीदारी की गई। 36 विमानों की खरीद पर 18,940 करोड़ रुपए का खर्च आता लेकिन यह रकम बढ़कर बढ़कर 60,145 करोड़ रुपये हो गई।