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कांग्रेस में रार; जम्मू में आजाद के खिलाफ प्रदर्शन- फूंका पुतला, पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप, गुलाम ने मोदी की तारीफ की थी

कांग्रेस के भीतर मची रार अब सड़कों पर दिखने लगी है। जम्मू में सोनिया गांधी को खत लिखने...
कांग्रेस में रार; जम्मू में आजाद के खिलाफ प्रदर्शन- फूंका पुतला, पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप, गुलाम ने मोदी की तारीफ की थी

कांग्रेस के भीतर मची रार अब सड़कों पर दिखने लगी है। जम्मू में सोनिया गांधी को खत लिखने वाले 'जी-23' नेताओं  में शामिल गुलाम नबी आजाद के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया है। इतना ही नहीं, आजाद के विरोध में उनके पुतले भी जलाए गए हैं। ये पूरा वाकया पिछले दिनों गुलाम नबी आजाद द्वारा पीएम मोदी की तारीफ किए जाने के बाद हुआ है। 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें काफी आदर दिया है, मगर आज जब उन्हें पार्टी को समर्थन देना चाहिए तो वो भाजपा के साथ दोस्ती निभा रहे हैं। वो यहां डीडीसी चुनाव में कैंपेनिंगे के लिए नहीं आए, मगर यहां वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर रहे हैं।

 

दरअसल, कांग्रेस के 23 नाराज नेताओं ने बीते शनिवार को जम्मू में शांति सम्मेलन किया था। जिसमें कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद समेत कई बड़े नेता मौजूद रहें। सिब्बल ने कांग्रेस को आइना दिखाते हुए कहा था कि ये सच्चाई है कि कांग्रेस पार्टी कमजोर होती हुई दिखाई दे रही है। उसके बाद बीते दिनों पीएम मोदी की आजाद ने तारीफ की। पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पीएम मोदी जमीन से जुड़े नेता हैं और लोगों को उनसे सीखना चाहिए कि कामयाबी की बुलंदियों पर जाने के बाद भी कैसे अपनी जड़ों को याद रखा जाता है।

गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था, “कई नेताओं में बहुत सी अच्छी बातें होती हैं। मैं खुद गांव का हूं और इसे लेकर बहुत फक्र होता है। पीएम मोदी भी कहते हैं, “बर्तन मांजता था, चाय बेचता था, निजी तौर पर हम उनके खिलाफ हैं, लेकिन जो अपनी असलियत नहीं छिपाते, यदि आपने अपनी असलियत छिपाई तो आप मशीनरी दुनिया में जी रहे होते हैं।“

 इससे पहले कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने शांति सम्मेलन में कहा था, आज कई बरसों बाद हम राज्य का हिस्सा नहीं हैं, हमारी पहचान खत्म हो गई है। राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी। जब तब यहां चुने हुए नुमाइंदे मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं होंगे बेरोज़गारी, सड़कों और स्कूलों की ये हालत जारी रहेगी। मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से रिटायर नहीं हुआ और मैं संसद से पहली बार रिटायर नहीं हुआ हूं। वहीं, कपिल सिब्बल ने कांग्रेस नेतृत्व की जमकर आलोचना की थी। उन्होंने कहा था, "सच्चाई ये है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिखाई दे रही है और इसलिए हम यहां इकट्ठा हुए हैं। हमें इकट्ठा होकर पार्टी को मजबूत करना है। गांधी जी सच्चाई के रास्ते पर चलते थे, ये सरकार झूठ के रास्ते पर चल रही है।" 

 

 

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