इंदौर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निवर्तमान सांसद और उम्मीदवार शंकर लालवानी ने सोमवार को दावा किया कि इस लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं से कांग्रेस की ‘‘नोटा’’ की अपील बेअसर साबित होगी और वह पिछली बार के मुकाबले ज्यादा अंतर से चुनाव जीतेंगे।
कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया और वह इसके तुरंत बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। नतीजतन इस सीट के 72 साल के इतिहास में कांग्रेस पहली बार चुनावी दौड़ में नहीं है। इसके बाद कांग्रेस ने स्थानीय मतदाताओं से अपील की कि वे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर ‘‘नोटा’’ (उपरोक्त में से कोई नहीं) का बटन दबाकर ‘‘भाजपा को सबक सिखाएं’’।
भाजपा उम्मीदवार लालवानी ने ओल्ड पलासिया क्षेत्र के एक मतदान केंद्र में वोट डालने के बाद संवाददाताओं से कहा कि इंदौर में कांग्रेस की नोटा की अपील बेअसर साबित होगी। भाजपा उम्मीदवार ने कहा, ‘‘इंदौर के मतदाता हमेशा सकारात्मक भूमिका में रहते हैं और वे किसी की नकारात्मक बात कभी नहीं मानते।’’ उन्होंने कहा कि इंदौर के मतदाता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हैं और इस समर्थन के बूते वह पिछली बार के मुकाबले ज्यादा अंतर से चुनाव जीतेंगे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान लालवानी ने अपने नजदीकी प्रतिद्वन्द्वी कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को 5.48 लाख वोट से हराया था।
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान इंदौर में 69 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। तब इस सीट पर 5,045 मतदाताओं ने ‘‘नोटा’’ का विकल्प चुना था। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नंदा नगर क्षेत्र में मतदान किया। उन्होंने एक सवाल पर संवाददाताओं से कहा कि इंदौर के मतदाता सकारात्मक हैं और मुस्लिम समुदाय भी कांग्रेस की ‘‘नोटा’’ की नकारात्मक अपील खारिज कर देगा। उन्होंने कहा,‘‘अगर मुस्लिम भाई भी कतार लगाकर मतदान कर रहे हैं, तो वे भी प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन में वोट देंगे क्योंकि सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ मुस्लिम भाइयों को ही मिला है।