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विवादास्पद बयानः साक्षी महाराज पर एफआईआर

भाजपा सांसद साक्षी महाराज की ओर से देश में जनसंख्या बढ़ने के लिए परोक्ष तौर पर मुस्लिमों को जिम्मेदार ठहराने के बाद आज राजनीतिक विवाद पैदा हो गया। हालांकि, भाजपा ने साक्षी के बयान से पल्ला झाड़ लिया है। उनके इस बयान को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। साक्षी ने यह बयान ऐसे समय में दिया जब सुप्रीम कोर्ट हाल ही में स्पष्ट कर चुका है कि कोई भी व्यक्ति धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांग सकता।
विवादास्पद बयानः साक्षी महाराज पर एफआईआर

उत्तर प्रदेश की उन्नाव लोकसभा सीट से सांसद साक्षी के बयान की राजनीतिक पार्टियों ने निंदा की, जबकि चुनाव आयोग ने उनकी विवादित टिप्पणियों पर मेरठ के जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। कांग्रेस ने कहा कि वह चुनाव आयोग में साक्षी के खिलाफ शिकायत दाखिल करेगी।

मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जे. रविंदर गौड़ ने कहा कि कल मेरठ में आयोजित संत समागम में उन्नाव से भाजपा सांसद साक्षी महाराज एवं महंत महेंद्र दास ने एक धर्म विशेष के लोगों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। यह आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। साथ ही इस राजनीतिक कार्यक्रम के लिए प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी।

उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में भाजपा सांसद साक्षी महाराज और महंत महेंद्र दास के खिलाफ थाना सदर बाजार पुलिस में उप-निरीक्षक राम कुमार सिंह द्वारा समागम में धर्म के प्रति आपत्तिजनक भाषण देने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 188, 295ए, 298, 5053, 153बी और 171एस के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।

कल यहां एक संत सम्मेलन में साक्षी ने कहा था कि देश में बढ़ती जनसंख्या के लिए चार पत्नियों और 40 बच्चों वाले लोग जिम्मेदार हैं। जनसंख्या में बढ़ोतरी के लिए हिंदू जिम्मेदार नहीं हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी मित्तल ने कहा कि साक्षी महाराज का भाषण अपमानजनक है, क्योंकि यह जाति एवं धर्म पर आधारित और सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि  यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है और कांग्रेस चुनाव आयोग में उनके खिलाफ आधिकारिक तौर पर शिकायत दाखिल करने जा रही है। साक्षी के बयान की निंदा करते हुए जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि यह राजनीति में धर्म के इस्तेमाल से जुड़े शीर्ष न्यायालय के दिशानिर्देश का पहला बड़ा उल्लंघन है।

त्यागी ने कहा कि  हाल ही में सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के लिए कुछ दिशानिर्देश दिए थे, जिसमें धर्म, जाति और भाषा का इस्तेमाल नहीं करना भी शामिल था। यह किसी राजनीतिक पार्टी जो भाजपा है  और उसके सांसद की ओर से किया गया यह पहला बड़ा उल्लंघन है। अब पाटर्ी के साथ-साथ चुनाव आयोग की ओर से साक्षी महाराज के खिलाफ कार्रवाई जरूर की जानी चाहिए। जदयू नेता ने कहा कि वे समाज के एक तबके के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं। एक तबके को दूसरे तबके के खिलाफ उकसाया जा रहा है और यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। यह एक आपराधिक कृत्य है।

साक्षी की टिप्पणियों पर भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, मैंने उनका बयान नहीं देखा है, लेकिन हम सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास करते हैं। देश कानून से चलता है, संविधान से चलता है, डंडों से नहीं चलता। नकवी ने कहा कि  ऐसे बयान या राय न तो भाजपा के हैं और न ही सरकार के हैं। ऐसे बयानों से हमारा कोई लेना-देना नहीं।

साक्षी ने अपने बयान से ऐसे समय में विवाद पैदा किया है जब फरवरी-मार्च महीने में उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं।

विवाद से बेपरवाह साक्षी ने बाद में स्पष्ट किया कि वह भाजपा के किसी कार्यक्रम में नहीं बोल रहे थे। साक्षी ने कहा कि मैंने कहा था कि भारत की जनसंख्या करीब 132 करोड़ है। भारत का भू-क्षेत्र नहीं बढ़ रहा लेकिन जनसंख्या बढ़ती जा रही है। हमें इस समस्या को रोकना होगा। उन्होंने कहा कि हमें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। मैंने कहा था कि महिला कोई मशीन नहीं है, लिहाजा 4 पत्नियां, 40 बच्चे और तीन तलाक अब बर्दाश्त नहीं किए जा सकते। हमें तय करने की जरूरत है कि हमें एक, दो, तीन या चार बच्चे पैदा करने चाहिए। लेकिन हमें अब यह तय करने की जरूरत है।

लखनऊ में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के मुताबिक चुनाव आयोग ने साक्षी महाराज के कल के विवादास्पद बयान को लेकर रिपोर्ट तलब की है। (एजेंसी)

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