भाकपा नेता कन्हैया कुमार अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। लेकिन, जो अटकले लगाई जा रही थी कि साथ ही जिग्नेश मेवानी भी कांग्रेस का दामन थामेंगे। लेकिन, मेवानी नहीं शामिल हुए हैं। उन्होंने इसका फिलहाल व्यक्तिगत कारण बताया है। कहा है कि औपचारिकता तीन-चार महीने में पूरी हो जाएगी।
वहीं, कांग्रेस के भीतर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने तंज कसते हुए कन्हैया कुमार के पार्टी में शामिल कराने को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कम्युनिस्ट विचारक रहे कुमारमंगलम की पुस्तक ‘कम्युनिस्ट्स इन कांग्रेस’ का हवाला देते पार्टी पर कटाक्ष किया है।
भाकपा नेता कन्हैया कुमार को पार्टी में शामिल कराने के बाद कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा, ''हम इन युवा नेताओं कन्हैया कुमार और मेवाणी के साथ काम करने को लेकर आशान्वित हैं, ताकि देश पर शासन कर रही फासीवादी ताकतों को हरा सकें।''
वहीं, भाजपा नेता और बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है, "बेगूसराय ने पहले कन्हैया कुमार की विचारधारा को खारिज कर दिया था। अब वह राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए अपनी विचारधारा और पार्टी बदल रहे हैं लेकिन जनता किसी की राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए वोट नहीं देती है। वह उस पार्टी में जा रहे हैं जिसे बिहार ने खारिज कर दिया है और अब एक डूबती नाव है।"
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कन्हैया कुमार ने अपनी पार्टी सीपीआई के टिकट से चुनाव लड़ा था। उन्हें भाजपा नेता गिरिराज सिंह के मुकाबले 4 लाख के बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। कन्हैया कुमार जेएएनयू के छात्र रहे हैं और वो विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रहे हैं।