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बिलकिस बानो केस: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के बाद कांग्रेस का केंद्र-गुजरात सरकार पर निशाना, पूछा ये सवाल

बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों को माफी दिए जाने को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र और गुजरात सरकार...
बिलकिस बानो केस: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के बाद कांग्रेस का केंद्र-गुजरात सरकार पर निशाना, पूछा ये सवाल

बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों को माफी दिए जाने को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र और गुजरात सरकार पर निशाना साधा और कहा कि जिस आधार पर ऐसे अपराधियों को रिहा किया गया, उसकी सच्चाई सामने लाने की जरूरत है। विपक्षी दल की ओर से यह बयान तब आया है, जब एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से इसको लेकर सवाल किया।

शीर्ष कोर्ट ने कहा कि अपराध की गंभीरता पर विचार किया जाना चाहिए था। इसने पूछा कि क्या इसमें कोई सोच-समझकर काम किया गया था। केंद्र और गुजरात सरकार ने अदालत से यह भी कहा कि वे 27 मार्च के उसके आदेश पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर कर सकते हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, यह कोई साधारण अपराध या सिर्फ सामूहिक दुष्कर्म नहीं था, उसके बच्चों की हत्या कर दी गई...क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि उन पर क्या बीती होगी और गुजरात सरकार व केंद्र सरकार कहती है कि ये फाइलें विशेषाधिकार हैं।

उन्होंने कहा, विशेषाधिकार क्या है, क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है? यह एक महिला के अधिकार का मामला है। आपको सच सामने रखना होगा कि आपने किस आधार पर ऐसे दुर्दांत अपराधियों को रिहा किया और किस आधार पर आपके लोग उन्हें 'संस्कारी' कहते हैं। 

श्रीनेत ने कहा, सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूछा गया सवाल सही है। देश की हर महिला आज यही पूछ रही है कि मोदी और उनके लोग ऐसे लोगों को क्यों बचा रहे हैं। स्मृति ईरानी और अन्य कहां हैं, वे मुंह पर टेप लगाकर बैठे हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूछा गया सवाल इस देश की अंतरात्मा को झकझोर देता है कि कल बिलकिस बानो थी और आज यह कोई और हो सकता है। उन्होंने कहा, सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है। यहां राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में कुछ भी नहीं है, बिलकिस बानो के दोषियों को कैसे रिहा किया गया, इसकी सच्चाई सामने आने की जरूरत है। मेरे सहित देश की हर महिला जानना चाहती है कि किस आधार पर उन्हें रिहा किया गया?

बता दें कि जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने दोषियों की समय पूर्व रिहाई का कारण पूछते हुए उन्हें जेल में रहने की अवधि के दौरान दी गई पैरोल पर भी सवाल उठाया था। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा था, 'आज यह महिला (बिलकिस) है लेकिन कल यह कोई भी हो सकता है। यह आप या मैं हो सकते हैं। यदि आप छूट देने के लिए अपने कारण नहीं बताते हैं, तो हम अपने स्वयं के निष्कर्ष निकालेंगे।

गौरतलब है कि 2002 के गोधरा दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या को 'भयावह' कृत्य करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च को गुजरात सरकार से पूछा था कि क्या मामले में 11 दोषियों को सजा में छूट देते समय हत्या के अन्य मामलों की तरह एक समान मानक लागू किए गए थे। कोर्ट ने बानो की याचिका पर केंद्र, गुजरात सरकार और अन्य से जवाब मांगा था। गुजरात सरकार ने सभी 11 दोषियों को सजा में छूट दी थी और पिछले साल 15 अगस्त को उन्हें रिहा कर दिया गया था।

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