लोकसभा में राफेल डील पर शुक्रवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने इसे राष्ट्रहित में बताते हुए कहा कि बोफोर्स कांग्रेस सरकार को ले डूबा लेकिन राफेल डील से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से सत्ता में आएंगे। रक्षा मंत्री सवाल किया कि यूपीए को बताना चाहिए कि वे अपने कार्यकाल में राफेल का एक भी विमान क्यों नहीं ला सके।
रक्षा मंत्री ने सवाल किया कि चीन ने अपनी सेना में 4 हजार के करीब विमानों को जोड़ा लेकिन कांग्रेस ने अपने शासनकाल के दौरान क्या किया? आखिर जिन 126 विमानों का जिक्र करते हैं वे कहां हैं? उन्होंने कहा, 'मैं आपको बताना चाहती हूं कि रक्षा सौदा और रक्षा में सौदेबाजी में फर्क होता है।'
'बगैर हथियारों वाले विमान की कीमत 670 करोड़ है'
रक्षा मंत्री ने कहा कि डील के बेसिक दाम हम सार्वजनिक कर चुके हैं लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष अलग-अलग जगह नए-नए दाम बता रहे थे। मंत्री ने कहा कि हमने कांग्रेस से कई गुना सस्ती और बेहतर डील की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बताए कि उसे 526 करोड़ का आंकड़ा कहां से मिला। हमने तो 9 फीसदी कम दाम में राफेल विमान खरीदे हैं। निर्मला ने कहा कि बगैर हथियारों वाले विमान को यूपी 737 करोड़ में खरीद रही थी लेकिन हम इसे 670 करोड़ में खरीद रहे हैं।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सितंबर 2019 में देश को पहला राफेल विमान मिल जाएगा और 2022 तक सभी 36 राफेल विमान देश को मिल जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने देश की सुरक्षा से समझौता नहीं किया। हमने डील में तेजी दिखाई। हमारी सरकार ने महज 14 महीनों में ही सौदे की प्रक्रिया पूरी कर ली, वहीं राफेल की डिलीवरी तय समय से 5 महीने पहले हो रही है।
'कांग्रेस बहा रही है घड़ियाली आंसू'
कांग्रेस पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर इन्हें वाकई में एचएएल की चिंता थी तो 10 साल में उसके लिए क्यों कुछ नहीं किय वायुसेना के करीब एक लाख विमानों को ऑर्डर हमारी सरकार ने एचएएल को दिए। कांग्रेस ने एचएएल की क्षमता बढ़ाने की कोशिश नहीं की बल्कि सिर्फ उसे रियायत देती रही। रक्षा मंत्री ने कहा अगर यहां एए का जिक्र है तो वहां आरवी और क्यू भी है और आरवी प्रधानमंत्री के नहीं,देश के दामाद हैं।
नहीं दिया आरोपों का जवाबः राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि क्या रक्षा मंत्री ये बताएंगी कि क्या इस डील की बाइपास सर्जरी का एयरफोर्स के लोगों ने ऑब्जेक्शन किया था? राहुल गांधी ने कहा कि इस सवाल का जवाब देने की बजाय रक्षा मंत्री ने ड्रामा किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं और पूर्व रक्षा मंत्री गोवा में बैठे हैं। उन्होंने कहा कि जिस राफेल डील को 8 साल तक रक्षा मंत्रालय और एयर फोर्स के अधिकारियों ने नेगोशिएट किया, उसको प्रधानमंत्री ने बाईपास सर्जरी कर एक ही झटके बदल दिया।
रक्षा मंत्री के बयान पर स्पष्टीकरण मांगते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मैं रक्षा मंत्री सीतारमण या पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पर आरोप नहीं लगा रहा हूं। मेरा सीधा आरोप प्रधानमंत्री मोदी पर है और मैं साफ कहता हूं कि वह इस मामले में शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने झूठ बोलाः खड़गे
इससे पहले चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सामने राफेल मामले में झूठ बोला है। सरकार ने इस बारे में सीएजी रिपोर्ट संसद में आने की बात की थी लेकिन मेरे सामने कोई रिपोर्ट आजतक आई ही नहीं।
खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री सदन में आकर चर्चा को सुनें और जवाब दें। जब कर प्रधानमंत्री जवाब नहीं देंगे तब तक यह मसला हल होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सरकार के झूठ पकड़वाने के लिए मामले की जांच के लिए जेपीसी का गठन चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ऐसे मुद्दों की जांच नहीं करेगी, ये बात हम कोर्ट के फैसले से पहले भी कह चुके हैं।
'विमान की कीमत शक के दायरे में'
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार कोर्ट के फैसले के आधार पर क्लीन चिट लेना चाहती है लेकिन हमने पहले ही नकार दिया था कि इसपर फैसला जनता की अदालत संसद में होना है। हमने जब झूठ पकड़ा तब सरकार ने इस मामले में गलती सुधारने के लिए कोर्ट में एप्लीकेशन डाली है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार तो कोर्ट को भी अंग्रेजी पढ़ाना सिखा रही है। खड़गे ने कहा कि विमान की कीमत शक के दायरे में हैं। सरकार शुरू से ही कीमत छुपा रही है और इसके लिए करार का हवाला दे रही है।
देश जानना चाहता है जवाबः राजद
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद जय प्रकाश यादव ने कहा कि देश के सामने सत्ताधारी पार्टी का पोल खुल गई है।कांग्रेस अध्यक्ष ने जो सवाल उठाए हैं, उनका जवाब देश जानना चाहिए। राफेल डील की जांच के लिए जेपीसी का गठन किया जाना चाहिए और सरकार को इससे भागना नहीं चाहिए। सरकार ने अगर जनता के सवालों का जवाब नहीं दिया तो जनता भी 2019 में सरकार को सत्ता से हटा देगी।