वित्त मंत्री ने फाल्सहुड एज फ्री स्पीच शीर्षक से अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, साल 2014 और 2015 के कुछ तथ्यों का जिक्र करके केजरीवाल उन्हें दिल्ली क्रिकेट संघ के मामले में नहीं घसीट सकते क्योंकि वह वर्ष 2013 में ही क्रिकेट प्रशासन छोड़ चुके हैं। जेटली ने अपने ब्लॉग में केजरीवाल के आरोपों पर सवाल खड़ा करते हुए लिखा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बेशक अहम मौलिक अधिकार है, लेकिन क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में केवल झूठ बोलने का अधिकार शामिल है? ऐसा लगता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल असत्य और बदनामी में यकीन करते हैं, उन्होंने ऐसी भाषा बोली जो उन्माद की हदें छूती है।
जेटली ने अपने ब्लॉग में केजरीवाल का समर्थन करने पर पश्चिम बंगाल और बिहार के मुख्यमंत्रियों, ममता बनर्जी और नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री के शब्दों से सार्वजनिक रूप से दूरी बनाकर खुद की गलती की भरपाई करनी चाहिए। दिल्ली सचिवालय में एक अधिकारी पर सीबीआई के छापों के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आरोपों और उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ इस्तेमाल की गई भाषा के लिए उन पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा कि संघवाद एक राह वाली धारा नहीं है। हमेशा ऐसा नहीं है कि केन्द्र सरकार संघवाद की भावना को चुनौती देती है। एक राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश भी अपने अस्वीकार्य आचरण से संघवाद के लिए खतरा हो सकता है। जेटली ने कहा कि केजरीवाल का आरोप है कि उनके करीबी एक अधिकारी पर छापेमारी संविधान के संघीय ढांचे का उल्लंघन है और उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ अस्वीकार्य विशेषणों का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने छापेमारी के उद्देश्य पर सवाल खड़े किए और इसे कथित भ्रष्टाचार के बजाय दिल्ली क्रिकेट संघ से जोड़कर ध्यान भटकाने का प्रयास किया।