कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि दो स्थानों पर मतदाता होने के मामले में निर्वाचन आयोग (ईसी) ने पार्टी नेता पवन खेड़ा के खिलाफ प्रतिशोध के तहत तथा छवि धूमिल करने के मकसद से नोटिस जारी किया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा मुखरता के साथ चुनाव आयोग की सच्चाई सबके सामने लाने का काम करते रहे हैं इसलिए आयोग ने उनकी आवाज दबाने के लिए दो जगह का वोटर कार्ड मामले में दो सितम्बर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उनका कहना था कि आयोग की यह कार्रवाई प्रतिशोध की भावना है।
उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली के जिला निर्वाचन कार्यालय ने उन्हें यह नोटिस जारी किया है। उसके बाद हर अखबार में दस्तावेज प्रकाशित कर खेडा और उनकी पत्नी के सारे विवरण अखबारों में दिया गया है और इस बारे में पवन खेड़ा का पक्ष नहीं सुना गया है। चुनाव आयोग में उनकी छवि खराब करने की भाषा का इस्तेमाल हुआ है।
सिंघवी के अनुसार पवन खेड़ा ने चुनाव कार्यालय के समक्ष अपने सारे जरूरी फार्म भरकर और सूचनाएं देकर जमा करा दी थी। पवन खेड़ा चुनाव आयोग के खिलाफ सारे मुद्दे उठाते रहते हैं लेकिन उनके खिलाफ 2017 में सारे दस्तावेज जमा किये हैं और इसी मुद्दे पर दो सितंबर को नई दिल्ली के जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने पवन खेड़ा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इतना ही नहीं- चुनाव आयोग ने पवन खेड़ा तथा उनकी पत्नी की निजी जानकारी साझा कर दी और जो नोटिस दी गई, उसकी भाषा भी दोषी ठहराने और मानहानि वाली है। यानी गलती खुद चुनाव आयोग की है और आरोप पवन खेड़ा पर लगाये जा रहे हैं।
इस बारे में विवरण देते हुए उन्होंने कहा, "पवन खेड़ा 2017 में जंगपुरा शिफ्ट हुए तो उन्होंने नए पते पर नाम ट्रांसफर करने के लिए फॉर्म भरा, जिसके बाद चुनाव आयोग ने उनका नाम नए पते पर दर्ज किया। पवन खेड़ा के पास अपने नाम को शिफ्ट कराने की प्रक्रिया की रसीद भी है, जिस पर 18 अगस्त 2017 की तारीख लिखी है। अब अचानक दो जगह वोटर होने की वो कहानी सामने आयी है- जिसमें नाम शिफ्ट करने का काम खुद चुनाव आयोग ने किया है। इस सबके बाद आयोग कारण बताओ नोटिस जारी करता है और ऐसा कर चुनाव आयोग पवन खेड़ा और उनकी पत्नी का नाम और छवि बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है।"
कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव आयोग ने अपना काम ठीक से नहीं किया है और जो काम उसने 2017 में करना चाहिए था उसी मामले में पवन खेड़ा को कारण बताओ नोटिस दिया जा रहा है। पवन खेड़ा ने सारे दस्तावेज जमा कर दिये थे लेकिन आयोग ने बिना कागज देखे उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को अपना काम सही तरीके से नहीं करने पर शर्म आनी चाहिए थी लेकिन वह उसी व्यक्ति की छवि बिगाड़ने का काम कर रहे हैं जो जनहित चुनाव आयोग के खिलाफ सच बोलते हैं।
चुनाव आयोग आंतरिक जांच कराए कि जो काम उसे आठ साल पहले कर देना चाहिए था वह अब तक पूरा क्यों नहीं हुआ। उन्होंने इसे प्रतिशोध में लिया कदम बताया और कहा कि आयोग अपना काम सही तरह से करने के बजाय पवन खेड़ा से प्रतिशोध ले रहा है।